भाईचारे की अनोखी मिसाल, कश्मीरी पंडित बेटियों की शादी में मुसलमानों ने दिया साथ

अनंतनाग: कश्मीर में भाईचारे की एक और मिसाल पेश हुई. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सिरहामा गांव के स्थानीय मुसलमानों ने एक कश्मीरी पंडित प्राण नाथ की दो बेटियों के विवाह समारोह में भाग लिया और सराहनीय भूमिका निभाई. इस शादी समारोह में शामिल लोगों के अनुसार, वे इन दो कश्मीरी पंडित दुल्हनों को अपनी बहनों की तरह मानते आए हैं और जैसे एक भाई अपनी बहन की शादी में खुश होता है वैसे ही वे आज खुश हैं कि उनकी दो बहनों की शादी हो रही है.

उनके अनुसार यह उनका कर्तव्य है कि वह ऐसे खुशी और गम के लम्हों में एक-दूसरे के साथ रहें. स्थानीय लोगों ने बताया कि सिरहामा की यह खासियत रही है. वहां के लोगों ने बताया कि यह परिवार वर्षों से इसी गांव में रह रहा है और स्थानीय मुस्लिम पड़ोसियों के साथ एक भावनात्मक बंधन साझा कर रहा है. यह परिवार खराब समय में भी कश्मीर घाटी छोड़ कर नहीं गया और अब शादी जैसे समारोह को यहां आयोजित करना इस परिवार का कश्मीर और उनके पड़ोसियों प्रति मोहब्बत और भाईचारा साबित करता है.

साक्षी और शीतू को सदा सुहागन की दुआ
इस शादी के समारोह में दिल को छू लेने वाले दृश्य देखने को मिले. कश्मीरी पंडित लड़कियों की शादी में कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं के रियालवायती गीत इस समारोह में समा बांध रहे थे. यहां के स्थानीय लोग प्राण नाथ के घर के बारे में बात करते हुए उनके यहां ही शादी आयोजित करने के फैसले की तारीफ करते हैं और उनकी दो बेटियों साक्षी और शीतू को सदा सुहागन की दुआ देते हैं.

सिरहामा गांव में पांच पंडित परिवार
प्राण नाथ समेत स्थानीय लोगों ने मेहमानों के लिए व्यवस्था करने के अलावा, जलाऊ लकड़ी, टेंट, परिसर की सफाई, घर और आसपास की सजावट की व्यवस्था करने में परिवार की मदद की. स्थानीय मुसलमान पूरे दिन वहीं रहे और प्राण की बेटियों को उन परिवारों द्वारा ले जाने के बाद ही वहां से गए. इस सिरहामा गांव में करीब पांच पंडित परिवार हैं, जिन्होंने कई बार विपरीत परिस्थितियों में भी इस गांव को नहीं छोड़ा और यहां रहे और यहां ही खुशी और गम के समारोह आयोजित किए.

खुशी और गम दोनों में निभाते साथ
इस बीच, सिरनू पुलवामा और वाहीबुग पुलवामा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां प्राण नाथ की दो बेटियों की शादी हुई, जहां वह दुल्हन बनके पहुंची. वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि वह वर्षों से एक साथ रह रहे हैं और वह एक-दूसरे के कार्यों में भाग लेते आ रहे हैं, चाहे वह शादी हो, किसी की मृत्यु हो या कोई अन्य समारोह, वह हमेशा साथ रहे हैं.

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