अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास का CAG करेगा ऑडिट, मरम्मत में हुए खर्च का लगाएगा हिसाब

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास की मरम्मत में हुए खर्च का CAG स्पेशल ऑडिट करेगा. उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने CAG से स्पेशल ऑडिट कराने की मंजूरी दी है. उपराज्यपाल सचिवालय ने 24 मई 2023 को मुख्यमंत्री के घर की मरम्मत में हुए खर्च को लेकर गंभीर वित्तीय अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था.

इससे पहले 27 अप्रैल को मीडिया रिपोर्टस के आधार पर उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी को मामले में जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. सूत्रों के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत में प्रथम दृष्टया खामियां पाई गई थीं.

नहीं हुई कोई गड़बड़ी- AAP
वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने कहा कि बीजेपी को पता है कि 2024 के आम चुनाव में उसका सफाया होने जा रहा है. इसी हताशा में राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार जांच एजेंसियों के खुलेआम दुरुपयोग पर उतारू है. जहां तक मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण में खर्च की कैग जांच का सवाल है तो यह पिछले साल भी हो चुकी है. इसमें एक पैसे की गड़बड़ी नहीं मिली थी. अब दोबारा से उसी कैग जांच का आदेश देना बीजेपी की हताशा, सनक और तानाशाही को उजागर कर रहा है.

घर में 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप
इसके पहले बीजेपी ने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास में मरम्मत के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बीजेपी ने इतनी बड़ी राशि घर में खर्च किए जाने पर अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की भी मांग की थी.

सीवीसी ने उपराज्यपाल को सौंपी थी रिपोर्ट
वहीं, दिल्ली सरकार सतर्कता विभाग (Central Vigilance Commission) की रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के घर में 52.71 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की बात सामने आई है. पिछले महीने सीवीसी ने ये केजरीवाल के घर में मरम्मत के नाम पर 52.71 करोड़ रुपये की खर्च किए जाने की रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय को सौंपी है. इसके बाद से इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है.

कैंप कार्यालय बनवाने में सीएम ने खर्च किए 19 करोड़
उपराज्यपाल को सौंपी गई सीवीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि केजरीवाल ने अपने घर में मरम्मत के नाम पर 33.39 करोड़ रुपये खर्च किए. इसके साथ ही कैंप कार्यालय में 19.22 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई. यानी कुल मिलाकर 52.71 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई. सीवीसी की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी ने और भी ज्यादा केजरीवाल सरकार पर हमलावर हो गई है.

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