‘मैं उसे अकेले नहीं जाने दूंगी…’ यह कहना था उस 24 साल के युवक की मां का, जिसकी पिछले दिनों कनाडा में हमले के बाद मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर मिली तो मां के पैरों तले जमीन खिसक गई. मानो उसको दुनिया लुट गई हो. मरे बेटे का शव चेहरा ना देखना पड़े, इसलिए मां ने शव घर आने से पहले ही आत्महत्या कर ली. एक तरफ बेटे का और दूसरी ओर मां का शव. दोनों का साथ में अंतिम संस्कार कर दिया गया. यानी मां ने जो कहा, वह पूरा किया.
मामला पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर जिले के आइमा चहल गांव का है. गुरविंदर नाथ नाम का युवक दो साल पहले कनाडा में पढ़ाई करने के लिए गया था. वह टोरंटो के लॉयलिस्ट कॉलेज में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था. अपने खर्चों को पूरा करने के लिए वह पार्ट टाइम डिलीवरी बॉय बन गया और पिज्जा डिलिवरी करने लगा.
9 जुलाई को हमला, 14 जुलाई को मौत
9 जुलाई की रात मिसिसॉगा शहर में डिलीवरी के दौरान उसपर बेरहमी से हमला हुआ. हमलावरों ने उसकी कार भी लूट ली. बाद में गुरविंदर को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन कई दिनों तक चले इलाज के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका और 14 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया. गुरविंदर के बड़े भाई ने परिवार से उसकी मौत की खबर छिपाने की कोशिश की और अपने पिता का इंटरनेट भी बंद कर दिया, ताकि वह गुरविंदर को कॉल न कर सकें.
‘…मैं उसने अकेले नहीं जाने दूंगी’
आइमा चहल गांव में दूध की डेयरी चलाने वाले गुरविंदर के पिता कृष्ण देव ने कहा कि मुझे मेरी पत्नी की आत्महत्या के बाद गुरविंदर की मौत का पता चला. मैंने आज सब कुछ खो दिया. कृष्ण देव ने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले गुरविंदर को फोन करने की कोशिश भी की, लेकिन मेरा इंटरनेट नहीं चल रहा था. उन्होंने बताा कि गुरविंदर की मां पड़ोस की महिलाओं से कहती थी कि अगर मेरे गुरविंदर को कुछ हुआ तो मैं उसने अकेले नहीं जाने दूंगी.
पहले करंट, बाद में खाया जहर
कृष्ण देव ने बताया कि एक दिन गुरविंदर की मां नरिंदर देवी बरामदे में कपड़े सुखा रही थी, तब उसने किसी को बात करते हुए सुन लिया कि गुरविंदर का शव आ रहा है. इसके बाद वह बदहवास हो गई. उसने करंट से खुद की जान लेने की कोशिश की. बाद में हमने उसे अकेले नहीं रहने दिया, लेकिन गुरुवार घर से बाहर जाकर उसने जहर खा लिया और अपनी जान दे दी. कृष्ण देव ने कहा कि गुरविंदर पर पहले भी हमला हुआ था.