सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता वापस मिलने वाली है. अब जब उनकी संसद सदस्यता वापस मिल जाएगी, वो एक बार फिर से सांसद बन जाएंगे तो इसके आगे का बड़ा सवाल सबसे जेहन में है. सवाल यह है कि क्या 12 तुगलक लेन का वो सरकारी बंगला जहां कांग्रेस नेता लगातार 19 साल रहे. वही बंगला उनको फिर से मिल पाएगा?
मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल 2023 को राहुल गांधी को ये बंगला खाली करना पड़ा था. उनके बंगला छोड़ने के बाद से वो बंगला खाली है, अभी तक किसी को नहीं दिया गया है.
क्या राहुल को वापस मिलेगा पुराना बंगला?
इसे समझने के लिए हमें दिल्ली में सांसदों और मंत्रियों को मिलने वाले बंगले पर हमने थोड़ा रिसर्च किया. राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने. तब तक वो अपनी मां सोनिया गांधी के साथ 10 जनपथ वाले बंगले में रहते थे. सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट किया गया था.
ये दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित टाइप-8 बंगला है, जिसे सर्वोच्च श्रेणी का माना जाता है. इस बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, 1 स्टडी रूम और सर्वेंट क्वार्टर हैं. इस कैटेगरी के बंगले आमतौर पर कैबिनेट मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के जजों को दिए जाते हैं. राहुल गांधी 4 बार से सांसद हैं, फिलहाल उनके पास कोई बड़ा पद नहीं है, ना वो कभी मंत्री रहे, ना ऐसे किसी बड़े पद पर रहे.
ऐसे में ये पूरी तरह लोकसभा हाउसिंग कमेटी पर निर्भर करता है कि वो ये बंगला उन्हें अलॉट करती है या नहीं. हालांकि लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को जल्दी से जल्दी सरकारी बंगला आंवटित करने की मांग कर चुके हैं.
सांसदों को कैसे मिलता है बंगला?
लोकसभा सदस्यों को दिल्ली में बंगले का आवंटन डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स करता है. जो मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के तहत आता है. डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स के अंदर भी ये काम जनरल पूल रेसिडेंशियल अकॉमोडेशन यानी GPRA एक्ट के तहत किया जाता है.
लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर एक समिति है, जो सदस्यों को बंगले का आवंटन के लिए सिफारिश करती है. इसी हाउसिंग कमेटी की सिफारिश पर सांसदों को बंगाल आंवटित होता है.
माना जा रहा है कि अब जब राहुल गांधी आधिकारिक रूप से फिर से सांसद बन जाएंगे तो उन्हें बंगला मिल जाएगा, लेकिन जरूरी नहीं, ये वही बंगला हो जहां उन्होंने अपने जीवन के 19 साल गुजारे थे. सांसदी गंवाने के बाद राहुल को ये बंगला सरेंडर करना पड़ा, उसके बाद वो वायनाड में कांग्रेस अधिवेशन में और हरियाणा में महिला किसानों से बातचीत में ये बात कह चुके हैं कि उनका घर छीन लिया गया है, लेकिन अब जब वो सांसद बनने वाले हैं तो फिर से उन्हें सरकारी घर मिल जाएगा.
हालांकि सांसद तो राहुल गांधी बन जाएंगे, लेकिन ये कितनी जल्दी होगा अब इस पर सबकी नजर है. क्योंकि 8 अगस्त से यानी मंगलवार से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल इस अविश्वास प्रस्ताव से पहले संसद पहुंच जाएं और अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस में हिस्सा लें. इसलिए जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल की संसद सदस्यता जल्दी से जल्दी बहाल करने की मांग की. उन्होंने इसके लिए आधिकारिक चिट्ठी भी लिख दी. लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हो सकी है, इस बात से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी बेहद गुस्से में हैं.