लोकसभा में जब से महिला आरक्षण बिल पेश और पास हुआ है, तब से इसको लेकर बहस जारी है. कोई इस बिल में एससी-एसटी और ओबीसी को शामिल किए जाने की बात कर रहा है तो कोई अल्पसंख्यकों की. इसके अलावा इस बिल के संदर्भ में और भी कई मुद्दे हैं, जिसको लेकर बहस जारी है.महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर बुधवार को सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. समाजवादी पार्टी की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़े वर्ग की महिलाओं और अल्पसंख्यक महिलाओं को इसमें शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए.
वही, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि मैं इस बिल का विरोध करता हूं. इस बिल में ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं के लिए कोई कोटा नहीं रखा गया है. ओवैसी ने कहा कि देश में 50 प्रतिशत से अधिक ओबीसी समुदाय के लोग हैं. इसके बावजूद भी सरकार उन्हें आरक्षण देने से मना कर रही है. वहीं, मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 प्रतिशत है. संसद में उनका प्रतिनिधित्व केवल 0.7 फीसदी है. हम मुस्लिम और OBC महिलाओं के आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं इसलिए हमने इसका विरोध किया है.
क्या बोले AIUDF के बदरुद्दीन अजमल?
AIUDF के बदरुद्दीन अजमल ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा कि आज के जमाने में महिला सशक्तिकरण का मामला कोई भी इनकार नहीं कर सकता. सब क्रेडिट ले रहे हैं. असल में ये बिल तो राजीव गांधी लाए थे. उसके बाद इसे लोकसभा में पास किया, जब ये बिल राज्यसभा में गया तब यही बीजेपी ने इसे पास नहीं होने दिया. हम चाहते हैं कि औरतों का ये बिल पास होना चाहिए. हमारी पार्टी इसका पूरा सपोर्ट करती है. उन्होंने कहा जरा उन औरतों के बारे में भी सोचा जाए जो यहां तक पहुंच सकती हैं. बड़ी बड़ी पार्टियां औरतों को टिकट देने क्यों संकोच करती हैं. दरअसल, अजमल का पूरा इशारा मुस्लिम महिलाओं के संदर्भ में था.
मुस्लिम और दलितों का प्रतिनिधित्व न के बराबर- महुआ मोइत्रा
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए मुस्लिम और दलित महिलाओं की बात की. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी इस बिल को पूरा सपोर्ट करती है. मगर सच्चाई ये है कि महिला सांसदों में मुस्लिम और दलितों का प्रतिनिधित्व न के बराबर है. मोइत्रा ने कहा कि असली महिला आरक्षण ममता बनर्जी ने दिया है. उन्होंने 37 प्रतिशत महिलाओं को संसद में भेजा है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि 2024 में बीजेपी 33 फीसदी महिलाएं भेजकर दिखाए. उन्होंने कहा कि लोकसभा में इस समय दो मुस्लिम महिला सांसद हैं.
संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं- स्मृति इरानी
वहीं, इस बिल के पक्ष में केंद्र सरकार की तरफ से स्मृति इरानी विपक्षी नेताओं के सवाल का जवाब दे रही थीं. सपा सांसद डिंपल यादव के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था ही नहीं है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल हमारे लिए कोई चुनावी मुद्दा नहीं है बल्कि दशकों का संकल्प है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ईरानी ने कहा कि सत्ता उनके पास थी नहीं तो यह बिल कब का पास हो चुका होता. विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है.
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास
बता दें कि 8 घंटे तक चली लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023) लोकसभा में पास हो गया. पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. असदुद्दीन ओवैसी और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने इसका विरोध किया. इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.