अगले 2-3 दिनों के अंदर उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों से मानसून विदाई लेने वाला है. मौसम विभाग ने इसके संकेत दिए हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले करीब 10 सालों में मानसून की यह सबसे लेट वापसी है. दिल्ली में अगर बारिश की बात की जाए तो यहां मानसून सीजन 1 जून से 27 सितंबर के बीच 542.2 बारिश हुई है. यह दिल्ली में औसत बारिश के बहुत करीब है. दिल्ली में 2 अक्टूबर तक फिलहाल मौसम पूरी तरह से खुला रहेगा.
अगले 2-3 दिनों के बीच उत्तर पश्चिम और पश्चिम मध्य भारत के कई हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के पक्ष में स्थितियां बनती हुई नजर आ रही हैं. बुधवार को जारी स्टेटमेंट में मौसम विभाग ने कहा है कि इस मानसून की रेखा राजस्थान के जोधपुर-बाड़मेर होकर गुजर रही है. मौसम विभाग के रीजनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर के प्रमुख और वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की गतिविधि लगभग खत्म हो गई है. यह मानसून के अलविदा कहने से पहले का एक अहम पड़ाव है.
पिछले साल दिल्ली के सफदरजंग में मौसम विभाग के बेस स्टेशन ने 24 सितंबर को आखिरी बारिश दर्ज की थी. इसके बाद शहर में बारिश नहीं देखी गई थी. मध्य दिल्ली जिले का प्रदर्शन इस मामले में सबसे अच्छा रहा है और बारिश में इस साल ‘एक्सेस’ श्रेणी में रखा गया है. मध्यम दिल्ली में 1 जून से 27 सितंबर के बीच 937.6 मिमी बारिश हुई है जो कि औसत 664.4 मिमी है.
वहीं स्काई मेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटों में पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. हालांकि महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, कर्नाटक, केरल, ओडिशा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम और कुछ जगहों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है