अयोध्या में 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में देशभर के कई श्रीराम भक्त चाहते हैं की उन्हें वहां उस दिन जाने का मौका मिल जाए. भक्तों की इसी भावना का फायदा उठाते हुए साइबर ठगों ने भक्तों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. सायबर ठग VIP दर्शन से लेकर होटल के अरेंजमेंट सहित फ्री में मोबाइल रिचार्ज करने तक के नाम पर लोगों को झांसा दे रहे हैं. ऐसे ठगों पर महाराष्ट्र सायबर सेल की नजर बनाए हुए है. साइबर ठगों के इस जाल का भंड़ाफोड़ करने के लिए टीवी9 भारतवर्ष ने एक खास रिपोर्ट की है.
मुंबई के कलीना में हनुमान मंदिर है. इस मंदिर के पुजारी रामसेवक तिवारी हैं. रामसेवक तिवारी अयोध्या में बने राम मंदिर में दर्शन करने के लिए बेहद उत्सुक हैं. रामसेवक तिवारी ने तीन महीने पहले ही अयोध्या जाने का ट्रेन टिकट ले लिया है. भारी भीड़ और VIP प्रोटोकॉल के चलते अब 19 फरवरी के दिन रामलला के दर्शन करने जाएंगे. अब उन्होंने निर्णय लिया है की मुंबई में हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ और पूजा हवन कर उत्सव मनाएंगे.
साइबर का ठग का शिकार हुए पुजारी
इस बीच रामसेवक साइबर ठगी का शिकार हो गए. किसी तरह लाखों रुपए गंवाने से बच गए. रामसेवक तिवारी को कुछ दिनों पहले अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन व रामलला स्थापना का ऑनलाइन निमंत्रण आया. इसे देखकर वो बहुत खुश हुए. रामसेवक तिवारी के पास जो VIP निमंत्रण का लिंक आया उसमें निमंत्रण के नाम पर ऑनलाइन पैसे मांगे गए. रामसेवक तिवारी ने अपनी बेटी को मैसेज दिखाया तो बेटी ने साइबर ठग होने का आगाह किया. इस तरह वह साइबर ठगी से बच गए.
वॉट्सएप पर आया ये मैसेज
रामसेवक को जो वॉट्सएप मैसेज आया उसमें राम मंदिर बनने पर पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा 749 रुपये का मोबाइल में रिचार्ज की बात कही गई है. बाद में उन्हें समझ में आया कि ये भी ठगी का एक प्रकार है. रामसेवक अगर गलती से भी मोबाइल से इस लिंक की को क्लिक करते तो तत्काल ठगी का शिकार हो सकते थे. इस बार भी वो बच गए. अब वह मानते है की जिंदगी भर की कमाई हनुमान जी के आशीर्वाद से लूटने से बच गई.
वीआईपी प्रसाद के नाम पर ठगी
महाराष्ट्र पुलिस के पास अब तक राम मंदिर निमंत्रण के नाम पर हुई ठगी का कोई आधिकारिक मामला नहीं आया है. महाराष्ट्र पुलिस साइबर सेल राम मंदिर निमंत्रण के नाम पर साइबर ठगों पर नजर रखे हुए हैं. महाराष्ट्र साइबर सेल के एसपी संजय शिंत्रे के मुताबिक पूरा देश राम में डूबा हुआ है. ठग इसी आस्था को ठगने के नए-नए तरीके इजाद करते रहते हैं. कभी ऐप के जरिए तो कभी एसएमएस या कभी वॉट्सएप या कभी वीआईपी पास प्रसाद के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ईश्वर के प्रति आस्था रखे लेकिन सावधान भी रहे. एसपी ने कहा कि लगातार ऐसी शिकायतों के बाद लोगों पर नजर रखी जा रही है.
वॉट्सएप पर भेजी जाती है APK फाइल
एसपी शिंत्रे ने कहा कि की ठग उन्हें मैसेज कर आश्वासन देते हैं की वो उन्हें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का VIP पास देंगे. इसके लिए वो श्रीराम भक्तों को मैसेज कर एक लिंक भेजते हैं. भक्तों को उस लिंक पर क्लिक कर एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहते हैं. शिंत्रे ने आगे बताया की ये ठग APK फाइल वॉट्सएप पर भेज देते हैं.
इस तरह अकाउंट से निकालते हैं पैसे
साइबर ठग इस एप्लिकेशन को डाउनलोड कर कई तरह के ऐक्सेस ग्रांट करने को कहते हैं. जैसे ही आप ये सारे ऐक्सेस दे देते हैं. साइबर ठग को आपके मोबाइल का पूरा कंट्रोल मिल जाता है. फिर वो आपके डेटा चुरा सकता है. आपके अकाउंट से पैसा निकाल सकता है. इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत हैं
इस नंबर पर करें शिकायत
महाराष्ट्र साइबर सेल के एसपी संजय शिंत्रे ने बताया कि इस तरह के साइबर ठगी के मामले से सतर्कता बरतकर बचा जा सकता है. यदि गलती से किसी ने साइबर ठग को पैसे भेज दिए तो वो पैसे वापस भी मिल सकता है. साइबर सेल के एसपी संजय शिंत्रे ने बताया कि राम मंदिर निमंत्रण या दर्शन का कोई ऑनलाइन तरीका फिलहाल शुरू नहीं हुआ है. यदि कोई गलती से ठगों को पैसे दे देता है तो 3 घंटे में हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर सेल के ईमेल पर मेल करके अपने गवाएं पैसे वापस प्राप्त किए जा सकते हैं.