“दिल्ली चलो” आह्वान से खुद को अलग करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चे ने 16 फरवरी के भारत बंद को लेकर प्रोग्राम जारी किया. बयान में कहा गया है कि कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने, खेती-किसानी बचाने, भारत बचाने के लिए 16 फरवरी 2024 को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ग्रामीण बंद रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण बंद के लिए जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि एसकेएम देश भर के लोगों से कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने, कृषि बचाने और भारत को बचाने के ऐतिहासिक संघर्ष को सफल बनाने के लिए समर्थन और सहयोग करने की अपील करता है.
बयान में कहा गया कि 16.02.2024 को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ग्रामीण बंद रहेगा. गांव सभी कृषि गतिविधियों, मनरेगा कार्यों, ग्रामीण कार्यों को बंद रखा जाएगा. कोई भी किसान, खेत मजदूर और ग्रामीण मजदूर काम पर नहीं जाएगा.
सब्जियों, अन्य फसलों की आपूर्ति और खरीद रहेगी बंद
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि सब्जियों, अन्य फसलों की आपूर्ति और खरीद निलंबित रहेगी. गांव की सभी दुकानें, अनाज मंडियां, सब्जी मंडियां, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, ग्रामीण औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संस्थान और निजी क्षेत्र के उद्यमों को बंद रखने का अनुरोध किया गया है. शहरों की दुकानें और प्रतिष्ठान हड़ताल के घंटों के दौरान बंद रहेगी.
बयान में कहा गया है कि सामान्य सार्वजनिक और निजी परिवहन सड़कों पर नहीं चलेंगे. एम्बुलेंस, मृत्यु, विवाह, चिकित्सा दुकानें, समाचार पत्र आपूर्ति, बोर्ड परीक्षा, यात्रियों की हवाई अड्डे तक आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता खोला जाएगा. किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के दौरान विशाल चक्का जाम, रास्ता रोको और रोड धरना में शामिल होंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि गांव, तहसील और जिला केंद्रों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद विशाल प्रदर्शन और रैली और सार्वजनिक बैठकें होंगी, जहां किसान, मजदूर और अन्य तबकों के लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ शामिल होंगे.
किसान विरोधी नीति के खिलाफ 16 को बंद
एसकेएम नेताओं ने कहा था कि मोदी सरकार की कॉरपोरेट समर्थक, किसान और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.
एसकेएम के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, रमिंदर सिंह पटियाला, रणजीत सिंह, प्रेम सिंह भंगू, मुकेश चंद्र, जंगवीर सिंह चौहान, मोहन सिंह धमाना, बूटा सिंह बुर्जगिल, गुरदर्शन सिंह खासपुर, हरिंदर सिंह तिवाना और गग्गी धालीवाल का कहना है कि 62 संगठन इंटक, सीटू, एटक, आईएफटीयू जैसे ट्रेड यूनियनों के अलावा अन्य ट्रेड यूनियन भी बंद का समर्थन कर रहे हैं.