मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों में हफ्ते में एक दिन नो बैग डे देने का फैसला किया है. यह व्यवस्था सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लागू होगी. इतना ही नहीं बच्चों के क्लास के हिसाब से उनके बस्तों का वजन भी तय किया गया है.
सरकार ने जो स्कूल बैग पॉलिसी जारी की है उसके अनुसार, पहली कक्षा के स्टूडेंट के स्कूल बैग का अधिकतम वजन 2 किलो 200 ग्राम होगा, जबकि 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स के बस्ते का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम होगा. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी में बताया गया है कि नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षा तक छात्रों को 1 दिन होमवर्क भी नहीं दिया जाएगा.
बोतल और टिफिन मिलाकर तय हो बैग का वजन
शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र (2024-25) से स्कूल बैग पॉलिसी का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए हैं. 16 फरवरी को जारी किए गए निर्देश में स्कूलों को हिदायत दी गई है कि बस्तों का वजन एक नियत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. स्कूल संचालकों का तर्क है कि बोतल और टिफिन मिलाकर वजन तय किया जाना चाहिए. हालांकि, अब वो इस नियम का पालन के लिए बाध्य हैं. सरकार द्वारा स्कूलों को दिए गए निर्देशों में ये भी कहा गया है कि हफ्ते में एक दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल जाना होगा.
स्कूलों में नए सत्र के लिए एडमिशन शुरू
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी इसी सत्र से लागू हो जाएगी. स्कूलों में नए सत्र के लिए एडमिशन होना शुरू हो गए हैं. ऐसे मे ये स्कूल बैग पॉलिसी आने से बच्चों को राहत मिलेगी. साथ ही बच्चों के गार्जियन भी इस पॉलिसी को लेकर खुशी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी बच्चे स्कूल जाने में भारी बैग के बोझ से परेशान हुआ करते थे. बच्चों के बैग का वजन तय होने से अब बोझ कम होगा.