व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे ग्लोबल समिट में पीएम मोदी ने सरयू नहर परियोजना, अटल टनल, असम का बोदी बिल ब्रिज समेत तमाम ऐसे कार्यों को गिनाया जो अधूरे पड़े थे. पीएम मोदी ने सरदार सरोवर परियोजना का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर परियोजना का शिलान्यास 60 के दशक में हुआ था, लेकिन उसका काम भी ऐसे ही लटका रहा, सरकार बनने के बाद हमने उस डैम का काम पूरा करके उसका लोकार्पण किया.
सरदार सरोबार बांध गुजरात राज्य में नर्मदा नदी पर स्थित है, यह नर्मदा घाटी परियोजना का सबसे बड़ा बांध है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने 2017 में किया था. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी यहीं पर स्थित है, जिसका लोकार्पण पीएम मोदी ने एक साल बाद यानी 2018 में किया था. इस परियोजना की आधारशिला भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में रखी थी, लेकिन इसे पूरा 2017 में किया जा सका.
सरदार पटेल का सपना था यह बांध
गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध सरदार वल्लभ भाई पटेल का सपना था. वह चाहते थे कि गुजरात के किसान को इस बांध का फायदा मिले और जो किसान पानी की किल्लत की वजह से परेशान होते थे, उनकी परेशानी दूर हो जाए. इस बांध की अवधारणा 1945 में सबसे पहले सामने आई थी. 1959 में इसके लिए औपचारिक प्रस्ताव बना था, 1961 में 5 अप्रैल को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसका शिलान्यास किया था.
राज्यों के बीच विवाद
सरदार सरोवर परियोजना को लेकर राज्यों के बीच विवाद की स्थिति थी, 1963 में सबसे पहले गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच इसे लेकर समझौता हुआ, 1964 में डॉ. एनएस खोसला ने इसे लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद जुलाई 1968 में गुजरात ने अंतर राज्यीय जल विवाद कानून के तहत एक ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग की गई, अगले साल ये गठित हुआ और 1974 में गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के बीच बांध को लेकर समझौता हो सका. इसके बाद भी काम अटका रहा और 1987 में पहली बार इसका ठेका देकर निर्माण की शुरुआत हुई.
तीसरा सबसे ऊंचा बांध
सरदार सरोवर भारत का तीसरा सबसे ऊंचा बांध है, इसकी ऊंचाई 138 मीटर है, नींव सहित यह 168 मीटर हो जाती है. भारत में सबसे ऊंचा टिहरी बांध और भाखड़ा नागल बांध है. पहले सरदार सरोवर बांध को सिर्फ 80 मीटर ऊंचाई का बनना था. 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति दी थी, इसके बाद 1999 में इसे 85 मीटर ऊंचा करने और 2001 में 90 मीटर ऊंचाई करने की अनुमति दी गई. 2014 में आखिरी क्लीयरेंस के बाद इस बांध को 138 मीटर ऊंचा बनाने का निर्णय लिया गया.
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध
सरदार सरोवर बांध देश का तीसरा सबसे ऊंचा बांध तो है ही, यह देश का पहला और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, इस बांध को बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगी है. इसकी क्षमता 4,25780 करोड़ लीटर पानी की है, यह बांध बनने से पहले इतना पानी समुद्र में चला जाया करता था. इस बांध से तकरीबन 6 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
इन राज्यों को मिलता है लाभ
सरदार सरोवर बांध का सबसे ज्यादा लाभ गुजरात को मिलता है, यहां के 15 जिजों के तकरीबन 3137 गांवों की लाखों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है, यहां से जो बिजली पैदा होती है, उसका तकरीबन 57 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलता है, इसके बाद 27 प्रतिशत महाराष्ट्र को, 16 प्रतिशत गुजरात को. राजस्थान को इस बांध से सिर्फ पानी मिलता है.