केजरीवाल की सोलर पॉलिसी पर लगी रोक? जानिए क्यों आप और LG आए आमने सामने

दिल्ली सरकार और राज्यपाल के बीच फिर से तल्खी बढ़ती नजर आ रही है. पहले जानकारी आई कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की सोलर पॉलिसी को फिलहाल रोक दी है. CM केजरीवाल ने कुछ दिन पहले ही एक प्रेस कांफ्रेंस कर सोलर पॉलिसी का ऐलान किया था. केजरीवाल ने कहा था कि सोलर पॉलिसी से दिल्ली के बिजली के बिल जीरो हो जाएंगे.

मगर अबLG सचिव से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि आदतन झूठ बोल कर केजरीवाल सरकार लोगों को गुमराह कर रही है, LG ने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है. LG सचिव से जुड़े सूत्रों की मानें तो पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे लोगों के बिजली बिल जीरो हो जाते,उलटे पालिसी में एक “रेसको” प्रावधान है जिससे सिर्फ निजी बिजली कंपनियों को फ़ायदा होगा.LG ने इसी प्रावधान पर जानकारी मांगी है.

क्या कहा था केजरीवाल सरकार ने?
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार खुद को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति की झंडाबरदार बताती है. इसके अलावा केजरीवाल सरकार जिस एक चीज के लिए अपनी पीठ थपथपाने से गुरेज नहीं करती, वो है बिजली का बिल. दिल्ली में फिलहाल 200 यूनिट की बिजली खर्च करने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता. वहीं, 200 यूनिट से लेकर 400 यूनिट के बीच बिजली का चार्ज आधा माफ है और 400 यूनिट से ऊपर खर्च करने वालों को पूरा बिजली का बिल चुकाना होता है. केजरीवाल सरकार ने पिछले महीने के आखिर में नई सोलर नीति की घोषणा करते हुए बिलजी का बिल जीरो करने का वादा किया था.

अतिरिक्त आय का भी था वादा
अरविंद केजरीवाल ने नई सोलर पॉलिसी की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के हवाले से जानकारी दी थी कि जो भी नई नीति के तहत अपने छत पर सोलर पैनल लगाएंगे, उनकी बिजली का समूचा बिल जीरो हो जाएगा. साथ ही, सोलर पैनल लगाने वालों को हर महीने 700 रूपये से लेकर 900 रूपये तक के फायदे की बात की गई थी. नई सोलर पॉलिसी के तहत उन सभी सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य किया जाना था जो कम से कम 500 स्क्वायर मीटर के दायरे में फैली हैं.

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