देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने दंगाइयों पर नकेल कसने के उद्देश्य से सोमवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. इस अध्यादेश के तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर अपराधियों से ही उसकी भरपाई कराई जाएगी. राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश-2024 लाने का निर्णय लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि दंगाइयों से निजी और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की पूरी वसूली के अलावा उन पर 8 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके अलावा दंगे को काबू करने के लिए सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्चे की भरपाई भी कराई जाएगी.
इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया है. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह अध्यादेश देश के सबसे सख्त दंगा विरोधी कानूनों में से एक बन जाएगा. सरकार ने हल्द्वानी में पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं के करीब एक महीने बाद यह फैसला लिया है, जिनमें 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में एक अवैध मदरसे को तोड़े जाने को लेकर भड़की हिंसा के दौरान कई वाहनों और एक थाने को आग लगा दी गई थी. हिंसा को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. इसी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है.
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “राज्य में शांति भंग करने वालों को अब इसकी कीमत चुकानी होगी. दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख़्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष न्यायाधिकरण के गठन को मंजूरी दी गई है. दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी.” इधर हलद्वानी हिंसा में शामिल आरोपियों की धरपकड़ अब भी जारी है. पुलिस ने हाल ही में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हलद्वानी हिंसा मामले में पुलिस अब तक 90 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.