राजस्थान में पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव समेत कांग्रेस के कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत का दर्द छलका है. पूर्व सीएम ने कहा है कि जिन नेताओं को कांग्रेस ने पहचान दी और उन्हें राज्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री बनाया और उन्हें पार्टी में बड़े पदों पर बिठाया, आज वही नेता पार्टी के मुश्किल वक्त में छोड़कर भाग रहे हैं.
कांग्रेस नेताओं के जाने से नाराज पूर्व सीएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है. उन्होंने कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि उनके ऊपर केंद्रीय एजेंसियों का दबाव है इसलिए वो बीजेपी में जा रहे हैं. ये समय किसी के दबाव में आगे झुकने का नहीं है बल्कि लोकतंत्र को बचाने और देश के भविष्य के लिए संघर्ष करने का है.
पूर्व सीएम बोले- राहुल दबाव का मुकाबला मजबूती से कर रहे
उन्होंने कहा, नेताओं को गांधी परिवार से प्रेरणा लेने की नसीहत देते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि राहुल गांधी और उनके परिवार को ED ने पूछताछ के बहाने कई दिनों तक परेशान किया, यहां तक कि उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई, सरकारी बंगला खाली करवा दिया, लेकिन वो हर दबाव का मुकाबला मजबूती से कर रहे हैं. अन्याय, महंगाई, नफरत और बेरोजगारी के खिलाफ यात्रा कर जनजागरण का काम कर रहे हैं. राजनीति में मुकाबला इस तरह डटकर किया जाता है.
देश में हर संस्थान प्रेसर में हैं: गहलोत
अशोक गहलोत ने आगे लिखा है, आज देश में हर संस्थान पर प्रेसर है. हर व्यक्ति तनाव में महसूस कर रहा है. इन तनाव और दबाव का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है और देश के लोकतंत्र को मजबूत और सुरक्षित रख सकती है.
दरअसल, रविवार को राजस्थान कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब पूर्व केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव और पार्टी से पूर्व विधायक रिछपाल शर्मा, पूर्व निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल, पूर्व राज्य पार्टी प्रमुख सेवा दल सुरेश चौधरी, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ी बैरवा, रिजु झुनझुनवाला, रामपाल शर्मा बीजेपी में शर्मा समेत कुल 9 नेता बीजेपी में शामिल हो गए.
चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका
लालचंद कटारिया अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे. वहीं, राजेंद्र याद भी सरकार का हिस्सा थे, लेकिन अब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इन्होंने पाला बदलकर कांग्रेस का बड़ा झटका दिया है. लालचंद कटारिया की गिनती राजस्थान में बड़े जाट नेता के तौर पर भी होती है. वो मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.