आबकारी घोटाले में फंसे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं. गुरुवार शाम 7 बजे ईडी के अधिकारी दिल्ली सीएम के आवास पर पहुंचे. यहां ईडी के अधिकारियों ने केजरीवाल सहित सीएम हाउस के अंदर सभी कर्मचारियों के फोन कब्जे में ले लिए. फिर सीएम केजरीवाल से एक दर्जन से भी ज्यादा सवाल पूछे गए. इनमें से 7 सवाल ऐसे थे, जिनके जवाब केजरीवाल नहीं दे पाए. इसलिए ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
केजरीवाल को ईडी हेड क्वार्टर ले जाया गया, जहां उन्होंने रात बिताई. यह घटनाक्रम ईडी के समन के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद आया. केजरीवाल को आज स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा और ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी.
दरअसल, जांच एजेंसी पूछताछ में शामिल होने के लिए केजरीवाल को 9 समन जारी कर चुकी है, लेकिन उन्होंने लगातार समन स्किप किए हैं. दो घंटे की पूछताछ में ऐसे कौन से सवाल थे जिनके कारण केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया. चलिए जानते हैं…
) सरकारी कंपनियों से लेकर शराब वितरण का काम प्राइवेट कंपनियों को क्यों दिया गया?
2) आपकी मौजूदगी में शराब कमीशन को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया था या नहीं?
3) शराब के कमीशन को होलसेलर के लिए 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत बढ़ाने का आपने विरोध क्यों नहीं किया?
4) के. कविता ने शराब का कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का विरोध किया, उसे क्यों हटा दिय़ा गया?
5) शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को विजय नायर को माई बॉय बताकर पैसे देने का भरोसा करने के लिए फेसटाइम पर कहा या नहीं?
6) शराब के कमीशन को रिटेलर के लिए 185 प्रतिशत कर दिया गया, इसकी जानकारी आपको थी या नहीं?
7) आबकारी नीति की योजना किसने तैयार की थी, यह योजना किसकी थी?
आखिर क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इस नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात कही गई. इस तरह से पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खोली जानी थीं. इस नीति के तरह सभी सरकारी ठेकों को बंद कर सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. जबकि, इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति लागू होने के बाद सभी 100 प्रतिशत शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. दिल्ली सरकार ने इससे पीछे तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा.
यही नहीं दिल्ली सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी थी. इसके तहत जिस एल-1 लाइसेंस को हासिल करने के लिए पहले 25 लाख रुपए देने होते थे. नई नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपए चुकाने पड़े. इसी तरह अन्य कैटेगिरी के लाइसेंस की फीस भी जरूरत से ज्यादा बढ़ा दी गई.
सरकारी राजस्व में भरी कमी होने का आरोप
सरकार पर आरोप लगा कि सरकार की नई नीति से राजस्व में भारी कमी हुई. पहले जहां 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपए में मिलती थी. उसे बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपए का मुनाफा होता था जबकि 223.89 रुपए उत्पाद कर और 106 रुपए वैट के रूप में सरकार को मिलता था. इस हिसाब से सरकार को हर एक बोतल पर 329.89 रुपए का फायदा होता था.
सरकार की नई नीति आने के बाद 750 एमएल की बोतल का दाम 530 रुपए से बढ़ाकर 560 रुपए कर दिया गया. इससे रिटेल करोबी का मुनाफा 33.35 से बढ़कर सीधे 363.27 रुपए पहुंच गया. यानि रिटेल कारोबारियों को सीधे 10 गुना का फायदा होने लगा. वहीं सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपए का फायदा घटकर 3.78 पैसे रह गया. इसमें 1.88 रुपए उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपए वैट शामिल है.
ऐसे फंसते गए सीएम केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा था. ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था. ईडी की ओर से जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल, आरोपियों के संपर्क में थे.
ईडी की ओर से दावा किया गया है कि इस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू के बयान भी दर्ज किए. बुची बाबू ने बयान दिया है कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच पहले से संबंध में बात हो चुकी थी. यही नहीं इसे लेकर कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी.
इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. उसने बताया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी. इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था.