सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी कुत्तों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों से आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला तेलंगाना के संगारेड्डी जिले से सामने आया जहां कुत्तों के एक झुंड ने छह साल के एक बच्चे पर हमला कर दिया. इस हमले में बच्चे की मौत हो गयी. पुलिस ने बताया कि बिहार के रहने वाले एक मजदूर का बच्चा शुक्रवार सुबह अपने तंबू के पीछे शौच के लिए गया था, जहां कुत्तों के झुंड ने उसपर हमला कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, बच्चे की मौके पर ही मौत हो गयी. बच्चे का पिता जिले के पतनचेरु के पास एक निर्माणस्थल पर काम करता है. बच्चा सुबह शौच को लिए गया था. इसी दौरान बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया. बच्चे की चींख सुनकर लोग दौड़े लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी. बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई थी. उसका शव कुत्तों ने काफी बुरी तरह से नोंचा था. क्षत-विक्षत शरीर को देखकर बच्चे के परिवार में हड़कंप मच गया. बच्चे के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
एक हफ्ते में दूसरा मामला
तेलंगाना में ये एक हफ्ते में दूसरा मामला है. इससे पहले ऐसा ही एक मामला हैदराबाद से भी सामने आया था. यहां रहने वाली एक महिला सुबह मॉर्निंग वॉक पर गई थी. तभी उसपर 15 से 20 आवारा कुत्तों ने एक साथ हमला कर दिया. महिला को काफी चोट आई है. हालांकि महिला ने कुत्तों पर किसी चीज से वार किया, इसी बीच वहां कुछ लोग आ गए जिनके कारण महिला की जान बच गई. इस घटना का वीडियो भी सामने आया था.
और घातक हो सकता था हमला
महिला ने बताया था की आसपास के कुछ लोग कुत्तों को खाना खिलाते हैं इसलिए यहां कुत्तों का झुंड रहता है. अगर उनकी जगह कोई बच्चा होता तो ये हमला और घातक हो सकता था, या फिर अगर कोई उनकी मदद के लिए ना आता तो शायद उनकी जान भी जा सकती थी. दरअसल, 2001 के पशु जन्म नियंत्रण नियमों की वजह से आवारा कुत्तों को मारा नहीं जा सकता, केवल उनकी नसबंदी की जा सकती है. आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए नगर पालिकाओं के पास पैसों की कमी है.