शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को चुनाव आयोग से बड़ी राहत मिली है. चुनाव आयोग ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए एनसीपी शरदचंद पवार को स्वैच्छिक रूप से लोगों से चंदा लेने की अनुमति दे दी है. अनुमति से पहले शरद पवार की पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से चंदा लेने की अनुमति देने की अपील की थी. एनसीपी (शरदचंद पवार) को चंदा लेने की अनुमति तब तक रहेगी जब तक चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है.
पार्टी ने आयोग से जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के उद्देश्य से पार्टी की स्थिति दर्ज करने वाला एक कम्यूनिकेशन लेटर जारी करने का अनुरोध किया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने सोमवार यानी 8 जुलाई को लेटर जारी करते हुए कहा कि पार्टी को किसी भी व्यक्ति या कंपनी की ओर से स्वेच्छा से पेश की गई किसी भी राशि को स्वीकार करने की अनुमति दी जाती है. पार्टी अब अनुच्छेद 29B के तहत चंदा स्वीकार कर सकती है.
विधानसभा चुनाव में ‘ट्रम्पेट’ ही होगा पार्टी का चुनाव चिन्ह
दूसरी ओर केंद्रीय चुनाव आयोग ने एनसीपी शरद चंद्र पवार की पार्टी की एक और बड़ी मांग को स्वीकार कर लिया है. शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किए गए ट्रम्पेट चिन्ह का इस्तेमाल आगामी विधानसभा चुनाव में भी करने की मंजूरी मिल गई है. इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में भी शरद पवार गुट के पास यही सिंबल होगा. चुनाव आयोग के इस फैसले से शरदचंद्र पवार की पार्टी एनसीपी को बड़ी राहत मिली है.
अजित पवार के बागी होने के बाद पार्टी में हुई थी दो फाड़
पिछले साल जुलाई में पार्टी के नेता अजित पवार के बागी होने के बाद एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई थी. बाद में अजित पवार गुट ने शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया. इसके बाद अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए. पार्टी में दो फाड़ होने के बाद शरद पवार गुट के सामने चुनाव चिन्ह को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी.
मामला चुनाव आयोग में पहुंचा फिर वहां से शरद पवार गुट को नया चुनाव चिन्ह अलॉट किया गया. पार्टी दो फाड़ होने से पहले एनसीपी महाविकास अघाड़ी का हिस्सा था. दो फाड़ होने के बाद भी शरद पवार महाविकास अघाड़ी के साथ ही रहे और अभी तक हैं.