दिल्ली आशा किरण होम मामले में राजस्व मंत्री आतिशी ने मौतों की मजिस्टिरियल जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए 48 घंटे की डेडलाइन दी है. आतिशी ने कहा कि एक महीने में 14 मौत बेहद गंभीर मामला है. जांच में किसी भी अफसर, डॉक्टर, नर्स, केयर गिवर, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख़्त कारवाई की जाएगी.
सामाजिक विकास विभाग चलाता है आशा किरण
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार का सामाजिक विकास विभाग आशा किरण के नाम से एक शेल्टर होम चलाता है. ये शेल्टर होम मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है, जहां 980 मानसिक रूप से दिव्यांग रहते हैं. यहां बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो दिव्यांगता की गंभीर श्रेणी में हैं और उसके साथ ही अन्य कई शारीरिक समस्याओं से ग्रसित है जो बेडरेस्ट पर होते हैं और उनकी निर्भरता पूरी तरह से दूसरों पर होती है.
उन्होंने कहा कि आशा किरण होम में 24*7 मेडिकल केयर यूनिट मौजूद होता है. जिसमें 6 डॉक्टर और 17 नर्सें शामिल होती हैं. यहां 450 केयर-गिवर भी है जो 3 शिफ्ट में 24 घंटे काम करते हैं. इस होम में ज्यादातर बेसहारा छोड़े गए लोग होते हैं.
गैर-जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा
उन्होंने कहा कि, “मैं दिल्ली के लोगों को ये भरोसा दिलाना चाहती हूं कि, जांच में पाया गया कि यदि इनमें से कोई भी मौत लापरवाही या ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार से हुई है तो किसी भी अफ़सर को बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हम पोस्टमार्टम के रिपोर्ट और मजिस्टिरियल जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.