दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों की मुसीबत दो दिनों के लिए बढ़ने वाली है. अगर आपको किसी जरूरी काम से कहीं जाना है तो 22-23 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ घर से बाहर निकलें क्योंकि ऑटो और टैक्सी चालकों की स्ट्राइक से आप परेशान हो सकते हैं. 22-23 अगस्त को दिल्ली एमसीआर के प्रमुख संगठनों ने सामूहिक रूप से स्ट्राइक पर जाने का फैसला लिया है. संगठनों की कई मांगे हैं, जबतक ये मांगे पूरी नहीं होगी वह हड़ताल जारी रखेंगे. इस हड़ताल से लगभग एक लाख ऑटो और चार लाख टैक्सियां प्रभावित होंगी. ये पूरी स्ट्राइक कैब सर्विस कंपनियों की धड़ल्ले से चल रही मनमानी के खिलाफ की गई है. ऑटो-टैक्सी चालकों का कहना है कि कैब सर्विस कंपनियां उनका शोषण करती हैं और उनसे मोटा कमिशन ऐठती हैं, जिससे उनके लिए कुछ भी नहीं बच पाता. इसलिए वह इन कंपनियों के मनमाने रवैये से तंग आ गए हैं और स्ट्राइक की है.
जंतर-मंतर पर देंगे धरना
दो दिनों तक चलने वाली इस हड़ताल में दिल्ली-एनसीआर के 15 से ज्यादा यूनियन शामिल हैं.एक आंकड़े के मुताबिक हड़ताल की वजह से चार लाख टैक्सियां सड़कों पर नहीं दिखने वाली हैं, ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभाव एप्स के जरिए बुक किए जाने वाले ऑटो और कैब्स पर पड़ सकता है जिससे ऑफिस जाने वालों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. सभी ड्राइवर्स अपनी मांगों को लेकर आज दिल्ली के जंतर-मंतर का रुख करेंगे और प्रदर्शन करेंगे.
मनमानी करती हैं कंपनियां
इस स्ट्राइक में टैक्सी चालक सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो तिपहिया ड्राइवर यूनियन, राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन जैसे एनसीआर के लगभग 15 बड़े यूनियन शामिल हैं. यूनियन के लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से चलते बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा से भी टैक्सी ड्राइवरों का काम काफी ज्यादा प्रभावित होता है. लंबी दूरी के लिए ज्यादा किराए वाली सवारियों के लिए भी कैब सर्विस कंपनियां अक्सर काफी मोटा कमिशन चार्ज करती है जिसके कारण चालकों के हाथ कुछ भी नहीं लग पाता जिससे उनको काफी नुकसान होता है. इसलिए यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की है. साथ ही एप आधारित कंपनियों की गाड़ियों की वजह से बाकी चालकों को काफी घाटा होता है.
बंद होनी चाहिए कैब आधारित गाड़ियां
दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के उपाध्यक्ष आर एस राठौर ने कहा कि यात्रियों को टैक्सी नहीं मिल रही है, परेशानी हो रही है और इसका मुख्य कारण है कि एग्रीगेटर कंपनियां जो गैर कानूनी तरीके से चल रही हैं और हमारे चालकों को सही पैसा नहीं मिल रहा है. हमने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है और अगर हमारी मांग नहीं पूरी होगी तो हम आगे प्रदर्शन करेंगे. हमारी मांग है ऐप आधारित गाड़ियों को बंद किया जाए.