गाजे बाजे के साथ बारात दुल्हन के घर आई. दुल्हन पक्ष ने वर पक्ष का स्वागत किया. द्वार रस्मों के बाद बारी आई जयमाल की. जैसे ही ला लहंगा पहने दुल्हन स्टेज पर चढ़ी, दूल्हे को उस पर शक हुआ. बोला तुम मुझे अपना आधार कार्ड दिखाओ. दूल्हे को शक था कि दुल्हन नाबालिग है. उसने पुलिस को भी बुला लिया. सबके सामने दुल्हन का आधार कार्ड चेक किया गया. उसने दुल्हन नाबालिग नहीं थी, इसलिए पुलिस लौट गई.
फिर भी दूल्हा जिद पर अड़ा रहा. उसने दुल्हन से कहा कि अपना स्कूल सर्टिफिकेट दिखाओ. जैसे ही दुल्हन का स्कूल सर्टिफिकेट देखा तो दूल्हा बौखला गया. उसने कहा- ये तो नाबालिग है. मैं इससे शादी नहीं कर सकता. दुल्हन पक्ष दूल्हे और उसके परिवार को शादी के लिए मनाता रहा. लेकिन वो नहीं माने. पंचायत में घंटों चर्चा के बाद भी कोई हल नहीं निकला और फिर बारात बिना दुल्हन वापस लौट गई.
दुल्हन का सर्टिफिकेट मांगा
मामला उत्तर प्रदेश के कौशांबी का है. यहां पश्चिमशरीरा क्षेत्र के एक गांव में शनिवार रात को हरियाणा के पानीपत से एक बारात आई थी. जयमाल की रस्म के दौरान दूल्हे को अहसास हुआ कि दुल्हन नाबालिग है. यह शादी एक बिचौलिये ने 80 हजार रुपये लेकर फिक्स करवाई थी. आधार कार्ड पर तो लड़की की उम्र ज्यादा ही थी. फिर भी दूल्हे को शक हुआ तो उसने दुल्हन का स्कूल सर्टिफिकेट मांगा. उसे देख वो गुस्से में लाल-पीला हो गया.
दूल्हे ने लगाया आरोप
दूल्हे ने सेहरा उतारा और वहां से जाने लगा. दुल्हन पक्ष मिन्नतें करता रहा. लेकिन दूल्हा नहीं माना. पंचायत बुलाई गई. घंटों तक समझाइश के बाद भी बात नहीं बनी तो बारात वापस लौट गई. दूल्हे ने आरोप लगाया- एक बिचौलिए ने यह रिश्ता करवाया था. बदले में हमसे 80 हजार रुपये भी लिए. लेकिन हमसे लड़की की उम्र छुपाई गई. लड़की नाबालिग थी, ऐसे में मैंने शादी से इनकार कर दिया. फिलहाल पुलिस इस केस की जांच कर रही है.