दिवाली के मौके एनसीपी के सभी नेता शरद पवार के गोविंदबाग स्थित आवास पर एक साथ इकट्ठा होते हैं. पहले अजित पवार भी पहुंचते थे लेकिन इस बार वो अपने चाचा के यहां नहीं पहुंचे. जब शरद पवार से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने भतीजे की तरफदारी की. चाचा शरद ने कहा कि अजीत पवार शायद किसी काम की वजह से दिवाली पर नहीं आए होंगे. उन्हें भले ही समय नहीं मिला हो लेकिन दूसरे लोग आए. इसके इतर शरद पवार ने कहा कि आज बदलाव का निर्णय लेने का दिन है.
उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर कुछ अलग कर सकते हैं. हमें राज्य को सही रास्ते पर लाना है. अकेले राजनीति से समस्या का समाधान नहीं होता. राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया है. जनता को विकास करने वालों के हाथों में सत्ता सौंपनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य और देश में आर्थिक स्थिति गंभीर है. स्थिति में सुधार के प्रयास किए जाने चाहिए. एक-दो महीने में तस्वीर दिखने लगेगी. शरद पवार ने कहा कि सरकार जो योजनाएं लेकर आई है उनकी तस्वीर दिखेगी.
एनसीपी में फूट के बाद से चाचा और भतीजे में अनबन
एनसीपी में फूट के बाद से ही चाचा और भतीजे में अनबन चल रही है. इसके बावजूद भी शरद पवार कई मौके पर अजीत की तरफदारी करते देखे गए हैं. बीच में तो ये भी खबर चल रही थी कि चाचा शरद और भतीजा अजीत फिर से एक हो जाएंगे. मगर फिलहाल तो ऐसा कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है. हां, चाचा शरद के मन में पार्टी टूटने का मलाल जरूर है. कई मौकों पर उन्होंने इसका जिक्र भी किया है.
हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि अजीत पवार की वजह से उन्हें कोर्ट जाना पड़ा. शरद ने कहा कि उन्होंने एनसीपी बनाई लेकिन इसे उनसे छीन लिया गया. पार्टी का चुनाव चिन्ह किसी और को दे दिया गया. उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी में कभी कोर्ट की सीढ़ियां नहीं चढ़ी लेकिन उनकी (अजीत पवार) वजह से मुझे कोर्ट जाना पड़ा.