आदिपुरुष फिल्म में जानकी को भारत की बेटी वाले संवाद पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा है. नेपाल के सिनेमाघरों में इस संवाद में भारत शब्द को म्यूट कर दिखाया जा रहा था. लेकिन फिल्म के ओरिजनल साउंड में ही भारत को ना हटाए जाने के बाद काठमांडू में आज (सोमवार) से किसी भी हिन्दी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है.
दरअसल काठमांडू के मेयर बालेन्द्र साह ने रविवार को शहर के सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स मालिकों को किसी भी हिन्दी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. वहीं आदिपुरुष के बहाने सभी हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाने के मेयर के तुगलकी फरमान का नेपाल सरकार ने विरोध किया है.
नेपाल सरकार ने जताया आपत्ति
मेयर बालेन के इस फरमान पर नेपाल सरकार की तरफ से सूचना तथा संचार मंत्रालय ने अपनी गम्भीर आपत्ति दर्ज की है. मंत्रालय के तरफ से बयान जारी कर आदिपुरुष सहित सभी फिल्मों के प्रदर्शन पर किसी प्रकार का रोक लगाए जाने को गैर कानूनी बताया गया है.
फिल्म के संवाद पर विवाद
दरअसल नेपाल में आदिपुरुष फिल्म के प्रदर्शन से पहले ही जानकी को भारत की बेटी कहे जाने वाले संवाद पर विवाद और विरोध चल रहा था. इसके बाद नेपाल के सेंसर बोर्ड ने विवादित संवाद में से भारत शब्द को म्यूट कर चलाने की अनुमति दे दी थी. लेकिन काठमांडू के मेयर ने आदिपुरूष के निर्माता से ओरिजनल फिल्म से उस संवाद को हटाने की मांग रखी थी. बालेन साह ने कहा थी कि यदि तीन दिनों के भीतर ओरिजनल फिल्म से संवाद को नहीं हटाया जाता है तो काठमांडू के किसी भी हिन्दी फिल्म को नहीं चलने दिया जाएगा.
हिन्दी फिल्म को नहीं चलाने का फरमान
बता दें कि शुक्रवार को रिलीज आदिपुरूष काठमांडू सहित नेपाल के सभी सिनेमाघरों में हाउसफुल चल रही है. लेकिन मेयर ने काठमांडू के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में सोमवार से आदिपुरूष सहित किसी भी हिन्दी फिल्म को नहीं चलाने का फरमान जारी कर दिया है. वहीं मेयर के निर्देश पर काठमांडू पुलिस ने सभी सिनेमाघरों को हिन्दी फिल्म नहीं चलाने की जानकारी दे दी है. पुलिस ने कहा है कि निर्देश का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने के साथ ही तालाबंदी कर दी जाएगी.
नेपाल सरकार ने जताई आपत्ति
वहीं काठमांडू के मेयर बालेन साह के तुगलकी फरमान का नेपाल सरकार ने विरोध किया है. सूचना तथा संचार मंत्रालय ने बयान जारी कर आदिपुरुष सहित सभी फिल्मों के प्रदर्शन पर किसी प्रकार का रोक लगाए जाने को गैर कानूनी बताया है. बयान में कहा गया है कि आदिपुरूष के जिस डायलॉग पर लोगों को आपत्ति थी, उसे म्यूट कर सिनेमाघरों म़ें चलाने की अनुमति दी गई थी. बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध किया जाना ठीक नहीं है.
प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात अनुचित
नेपाल के सेंसर बोर्ड के तरफ से भारत शब्द को हटा कर प्रसारण का प्रमाण पत्र देने के बाद इसका विरोध करना उचित नहीं है. नेपाल में कौन सी फिल्म चलेगी या नहीं चलेगी, इसको लेकर सरकार के तरफ से सेंसर बोर्ड बनाया गया है और इस तरह के विवाद में अंतिम निर्णय वही लेता है. इसलिए किसी अन्य को गैर कानूनी तरीके से अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात करना अनुचित है.