एयर इंडिया का दावा- हमारी एक भी फ्लाइट रद्द नहीं, मंत्री बोले- आज उड़ानों का संचालन सामान्य

माइक्रोसॉफ्ट के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के अपडेट में आई तकनीकी खामी ने शुक्रवार को पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी थी। लाखों कंप्यूटर अचानक ठप हो गए थे, जिससे हजारों उड़ानें रद्द या देर से चलीं। हालांकि, आज एयर इंडिया ने बताया कि उसने कल इतनी परेशानियों के बाद भी एक उड़ान रद्द नहीं की थी। वहीं, नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि अब एयरलाइन प्रणालियां सामान्य रूप से काम करने लगी हैं।

नागर विमानन मंत्री नायडू ने कहा कि दुनियाभर में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ठप होने के कारण शुक्रवार को प्रभावित हुए हवाई अड्डों पर एयरलाइन प्रणालियां सामान्य रूप से काम करने लगी हैं और सभी परेशानियों का आज दोपहर तक समाधान होने की संभावना है।

उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय हवाई अड्डों तथा एयरलाइनों के परिचालन की लगातार निगरानी कर रहा है ताकि रिफंड का ध्यान रखा जा सके। नायडू ने कहा कि शनिवार सुबह तीन बजे से सभी हवाई अड्डों पर एयरलाइन प्रणाली सामान्य रूप से काम करने लगी है। अब उड़ान परिचालन सुचारू रूप से चल रहा है।

एक भी उड़ान नहीं हुई रद्द
वहीं, एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि 19 जुलाई को एयर इंडिया की कोई भी उड़ान आउटेज के कारण रद्द नहीं की गई थी। हालांकि,आउटेज के कारण हवाई अड्डे की सेवाओं में कुछ देरी हुई थी। एयर इंडिया का आईटी बुनियादी ढांचा कल इस इस अपडेट से प्रभावित नहीं हुआ और सामान्य रूप से काम करता रहा।’

क्राउडस्ट्राइक क्यों सुना रहे थे लोग खरीखोटी?
दुनियाभर के हवाई अड्डों पर लंबी कतारों में हाथ से लिखे जा रहे बोर्डिंग पास लिए लाखों लोग साइबर सुरक्षा फर्म क्राउडस्ट्राइक को खरीखोटी सुना रहे थे। दरअसल, इसी कंपनी की एक गलती ने पूरी दुनिया को डायस्टोपियन साइंस फिक्शन फिल्मों के अंदाज में ठप कर दिया। स्काई न्यूज जैसे वैश्विक प्रसारक का लाइव प्रसारण रुक गया। एटीएम, वेंडिंग मशीन, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) की सेवाएं ठप हो गईं। अस्पतालों में मरीजों के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर बंद हो गए। ओलंपिक खेल समिति का कामकाज रुक गया। शुक्रवार को शायद ही कोई ऐसा देश रहा होगा, जहां इस कंपनी की चर्चा नहीं हुई होगी।

यह है दुनिया में मचे उथल-पुथल के पीछे का कारण
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटरों के साथ यह स्थिति पैदा हुई। समस्या मूल रूप से उन कंप्यूटरों में आई, जो माइक्रोसॉफ्ट की उस क्लाउड सेवा का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें क्राउडस्ट्राइक का फायरवॉल सिस्टम था।

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