लोकसभा चुनाव 2024 की तस्वीर साफ हो चुकी है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी है. एनडीए को बहुमत का आंकड़ा जरूर मिल गया है, लेकिन बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हो रही है, जो सियासी पलटी मारने में के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि बीजेपी भले ही अपने सहयोगी दलों के सहारे सरकार बना ले, लेकिन नीतीश कुमार जैसे नेताओं के सहारे एनडीए की नाव कैसे पार होगी?
2024 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों की मुराद पूरी हो गई है. 10 साल बाद एक बार फिर किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. अब केंद्र में गठबंधन की सरकार बनेगी, जिसमें उन्हें मोलभाव करने का मौका मिलेगा. नरेंद्र मोदी की पिछली दो सरकारों में क्षेत्रीय दल सरकार में शामिल थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपनी मर्जी वाले मंत्रालय दिए गए थे. इस चुनाव में बीजेपी के पास करीब 240 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो बहुमत के 272 सीटों से काफी कम है.
बिहार में जेडीयू फिर बीजेपी के लिए संजीवनी बनी है. नीतीश कुमार के सामने लालू-तेजस्वी का तेज फीका पड़ गया है. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. इस बार बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है. एनडीए में ऐसा पहली बार है जब बीजेपी राज्य में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. एनडीए के तहत बीजेपी ने बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ी जबकि जबकि जेडीयू ने 16 सीटों पर उम्मीदवार उथारे थे. इसके अलावा पांच सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी किस्मत आजमा रही थी जबकि एक सीट पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा चुनाव लड़ी थी.
जेडीयू अपने कोटे की 16 में से 12 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है और बीजेपी अपने कोटे की 17 में से 12 सीटें ही जीत रही है. देशभर में बीजेपी को 240 से कम सीटें मिलती दिख रही, जिसके चलते बहुमत के 32 सीट दूर दिख रही है. बीजेपी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दलों के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा, खासकर नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी जैसे दलों की भूमिका अहम हो जाती है. 12 सांसद जीतने वाले नीतीश कुमार सियासी केंद्र में ला दिया है, क्योंकि उनके बिना बीजेपी के लिए सरकार बनाना आसान नहीं है.
इंडिया गठबंधन की बैठक में होगी रणनीति पर चर्चा
बिहार में नीतीश कुमार केंद्र में सरकार बनाने में अहम रोल निभाने जा रहे हैं. ऐसे में अटकलें भी लगने लगी हैं कि नीतीश ने अगर पाला बदल लिया तो विपक्षी गठबंधन को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिल सकता है. इसकी वजह यह है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन 232 सीटें जीतती हुई दिख रही है और वो बहुमत से काफी दूर है. ऐसे में इंडिया गठबंधन की बुधवार की बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. ऐसे बीजेपी अगर अपने एनडीए के घटक दलों के सहारे सरकार बनाने भी लेती है तो जेडीयू दलों के सहारे कैसे नैया पार होगी, क्योंकि नीतीश कुमार सियासी मझधार में कहां उतर जाएं किसी को पता नहीं है.