मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी हाइपर एक्टिव है. लगातार बैठकें हो रही हैं. रविवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की भी एक बैठक हुई, जो कि देर रात तक चली. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद और बीजेपी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भी शामिल हुए.
इस हाई लेवल मीटिंग में चार महीने बाद होने वाले चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की गई. गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में हुए उनके दौरों के असर के बारे में नेताओं से जाना. साथ ही पिछले दिनों चुनाव के मद्देनजर बनाई गई समीतियों का अब तक का काम और फीडबैक भी अमित शाह ने लिया.
दिग्गजों संग बनाया चुनावी कैलेंडर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई इस बैठक में सूबे के दिग्गजों ने आगामी चुनावों का कैलेंडर बनाया. इसमें आने वाले दिनों में किस इलाके में क्या कार्यक्रम कराया जाना है इसपर मंथन हुआ. 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के सागर में संत रविदास मंदिर की आधारशिला रखेंगे और एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के बारे में भी बैठक में अमित शाह ने वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की.
सागर दौरे के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के प्रदेश में आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी रखी गई. मध्य प्रदेश के चुनावों के लिए ये बैठक काफी महत्वपूर्ण थी. लगभग चार घंटों तक चली इस बैठक में सांगठनिक मुद्दों और संगठन को मजबूत करने से लेकर आगामी चुनावों की तैयारियों तक विस्तार से मंथन हुआ है.
शाह के हाथ में है मध्य प्रदेश की कमान
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की कमान केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ली हुई है. खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह चुनावों को मॉनिटर कर रहे हैं. इसके लिए वो लगातार सूबे के दौरे भी कर चुके हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए जो टीम बनाई है, उसमें भी अपने भरोसेमंद लोगों को तैनात किया है.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को शाह ने मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया है, जोकि उनके बहुत करीबी बताए जाते हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र सिंह तोमर को भी चुनावों के लिए अहम जिम्मेदारी दी गई है और ये नेता भी केंद्र के करीबी माने जाते हैं. वहीं पार्टी नेतृत्व ने ये साफ कर दिया है कि वो चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे के दावेदार का नाम बताने की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी. इसी रणनीति के तहत पार्टी चुनावों की तैयारी में जुटी है.