पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं, इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. यूपी सरकार ने आदेश जारी किया है कि अगले 6 महीने तक किसी भी तरह के आंदोलन, प्रदर्शन और हड़ताल नहीं किए जा सकेंगे. यूपी के अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है. अधिसूचना में इस पाबंदी के लिए लोक हित को आधार बनाया गया है.
अधिसूचना के मुताबिक अगले 6 महीने तक उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा. अगर कोई विरोध प्रदर्शन या हड़ताल करते हुए पाया गया तो उसे बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा. अधिसूचना में स्पष्ट लिखा है कि यह आदेश सभी सरकारी विभागों, राज्य सरकार के अधीन सभी निगमों और प्राधिकरणों पर लागू किया गया है. नोटिफिकेश में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि एस्मा एक्ट का उल्लंघन करने पर किसी भी विभाग के कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी लगा चुके हैं रोक
यूपी सरकार इससे पहले भी इस तरह की अधिसूचना जारी कर चुकी है. दरअसल 2023 में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी उस दौरान सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था. सरकार ने एस्मा एक्ट लागू किया है जो कि ऐसी परिस्थिति में ही लागू किया जाता है और इसे 6 महीने तक के लिए लागू किया जा सकता है. दरअसल एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट का इस्तेमाल हड़ताल या प्रदर्शन रोकने के लिए किया जाता है.
फिर क्यों शुरू हुआ किसान आंदोलन
किसानों की लंबे समय से मांगें पूरी नहीं की गई हैं जिसकी वजह से किसानों ने पहले ही सरकार को अल्टीमेटम दिया था. इस बीच किसान संगठनों ने चंडीगढ़ में सरकार पक्ष से भी बातचीत की थी. इस दौरान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की चर्चा और एमएसपी से संबंधित मांगे सामने रखी गईं. सरकार ने किसानों की कुछ मांगों को मान लिया है लेकिन कुछ मांगों को लेकर किसान संगठन अभी भी अड़े हुए हैं. इसी वजह से फिर से किसान आंदोलन शुरू हुआ है