पंजाब में कांग्रेस दो धड़ों में बटी नजर आ रही है. कांग्रेस नेताओं की आपत्ति के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू रैलियां कर रहे हैं. रविवार को उन्होंने मोगा में रैली की. वहीं अब इस रैली को लेकर नवजोत सिद्धू के साथी को पंजाब कांग्रेस ने नोटिस जारी किया है. यह नोटिस मोगा हलका प्रभारी मालविका सूद की शिकायत पर जारी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक महेशिंदर सिंह और उनके बेटे कर्मपाल सिंह ने रैली का आयोजन किया था. अब राज्य कांग्रेस ने नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है. 21 जनवरी को नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी प्लेटफार्म से अलग होकर मोगा में रैली की थी. बता दें कि जारी किए लेटर में मीटिंग के बारे में पीपीसीसी ऑफिस, जिला प्रधान और लोकल लीडरशिप को नहीं बताया गया.
सिद्धू की मोगा रैली पर सख्त
दरअसल पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) ने पूर्व पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की मोगा रैली को गंभीरता से लिया है. मौजूदा पीपीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि पार्टी आलाकमान को सिद्धू की रैली के बारे में सूचित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस रैली को करने की राज्य इकाई की अनुमति नहीं थी.
राज्य प्रभारी से सिद्धू की मुलाकात
यह रैली इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि हाल ही में पंजाब दौरे के दौरान राज्य प्रभारी देवेंद्र यादव से सिद्धू की मुलाकात हुई थी. वहीं इस मुलाकात के बाद उन्होंने रैली में भाग लिया था. सिद्धू ने दावा किया था कि उन्होंने प्रभारी देवेंद्र यादव को पूर्व निर्धारित रैलियों के बारे में पहले ही बता दिया था.
राज्य नेतृत्व से अलग रैलियां
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू की रैली को अनुशासनहीनता बता रहे हैं. ‘जीतेगा पंजाब, जीतेगी कांग्रेस’ के बैनर तले, सिद्धू ने राज्य नेतृत्व से अलग तीन रैलियां की हैं, जिनमें बठिंडा में दो और होशियारपुर में एक रैली शामिल हैं.
कांग्रेस नेताओं ने कार्यक्रम से बनाई दूरी
बता दें कि मोगा रैली का आयोजन पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष महेशिंदर सिंह ने किया था. महेशिंदर सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जॉइन किए थे. लेकिन मोगा के कांग्रेस नेताओं ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी, क्योंकि यह राज्य पार्टी इकाई का कार्यक्रम नहीं था.