प्रधानमंत्री मोदी ने 9 नवंबर को किया 9 आग्रह, बोले- ‘डबल इंजन की सरकार का फायदा दिख रहा’

संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा. यह दशक उत्तराखंड का दशक, बाबा केदार के चरणों में बैठकर किए गए इस विश्वास को उत्तराखंड ने सही साबित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भी सफल आयोजन हुआ है. उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडवासी राज्य के विकास यात्रा में ऐसी ही बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी आशाओं, आकांक्षाओं के अनुसार अलग राज्य प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक प्रयास करना पड़ा. यह प्रयास तब पूरे हुआ, जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनी. बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड को अपने सपनों को साकार करते हुए देख पा रहे हैं.

उत्तराखंड को मिली एक के बाद एक उपलब्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने खूब सारा प्यार और अपनत्व दिया है. हम भी इसी भावना के साथ देवभूमि की सेवा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने बाबा केदार के चरणों में बैठकर विश्वास व्यक्त किया था. यह दशक उत्तराखंड का दशक साबित होने जा रहा है और उत्तराखंड ने उनके विश्वास को सही साबित किया है. आज उत्तराखंड विकास के नए रिकॉर्ड बना रहा है. पिछले साल एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर कैटेगरी हासिल हुई है. बीते डेढ़ दो सालों में उत्तराखंड की विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है.

इस साल जीएसटी कलेक्शन में 14 प्रतिशत की उछाल दर्ज हुई है. 2014 में राज्य की प्रतिवर्ष आय सवा लाख रुपए सालाना थी, जो आज बढ़कर 2 लाख 60 हजार हो चुकी है. 2014 में उत्तराखंड राज्य का सकल घरेलू उत्पादन यानि स्टेट जीडीपी एक लाख 50 हजार करोड़ के आस-पास थी. जो अब बढ़कर तीन लाख पचास हजार करोड़ हो गई है. यह आंकड़े बता रहे हैं कि उत्तराखंड में कैसे युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे हैं और कैसे औद्योगिक तरक्की हो रही है?

डबल इंजन की सरकार का फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में 2014 से पहले पांच प्रतिशत से कम घरों में नल से जल आता था. आज यह बढ़कर करीब 96 प्रतिशत हो गया है. 2014 से पहले उत्तराखंड में सिर्फ छह हजार किमी की पीएमजीएसवाई सड़क बनी थी. आज इन सड़कों की लंबाई 20 हजार किमी से ज्यादा हो गई है. उत्तराखंड ने लाखों शौचालयों का निर्माण करने के साथ ही हर घर बिजली और उज्जवला गैस योजना के तहत लाखों गैस कनेक्शन देकर सभी वर्ग का ध्यान रखा है. डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में नजर आ रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाला अनुदान अब दोगुना हो गया है. डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को एम्स का सेटेलाइट सेंटर, देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर की सौगात दी है. साथ ही यूएसनगर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की भी योजना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड में केंद्र सरकार के दो लाख करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. कनेक्टिविटी योजनाओं को तेज गति से पूरा किया जा रहा है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को 2026 तक पूरा किए जाने की तैयारी है. राज्य के 11 स्टेशन को अमृत के रूप में विकसित किया जा रहा है. देहरादून – दिल्ली एक्सप्रेस वे बनने से देहरादून से दिल्ली का सफर ढाई घंटे में हो जाएगा.

चल रहा विकास का महायज्ञ
पीएम ने जोर देकर कहा कि इस समय एक तरह से उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है. इससे पलायन पर रोक लग रही है. सरकार विकास के साथ विरासत को भी संजोने में जुटी हुई है. केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुर्ननिर्माण किया जा रहा है. बदरीनाथ मास्टर प्लान के कार्य तेजी के साथ चल रहे हैं. इसी तरह मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 पौराणरिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है. ऑल वेदर रोड से चारधाम यात्रा को सुगम किया जा रहा है. पर्वत माला के तहत धार्मिक और पयर्टन स्थलों को रोपवे से जोड़ा जा रहा है.

सीमाओं पर स्थित गांव हमारे लिए देश के पहले गांव
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीमांत के गांवों को पहला गांव मानते हुए, काम कर रही है. इसी क्रम में माणा गांव की यात्रा के दौरान उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की. इसके तहत उत्तराखंड में करीब 50 गावों का विकास किया जा रहा है.

पर्यटन और श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में इस साल छह करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए हैं. 2014 से पहले चारधाम यात्रियों की संख्या 24 लाख तक ही पहुंच पा रही थी. पिछले साल यह आंकड़ा बढ़कर 54 लाख को छू गया है. इससे होटल से लेकर होम स्टे वालों, टैक्सी से टैक्सटाइल वालों को लाभ मिला है. बीते सालों में पांच हजार से ज्यादा होम स्टे का रजिस्ट्रेशन हुआ है.

ये नीतियां देश के लिए बन रही हैं उदाहरण
यूनिफार्म सिविल कोड

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड ऐसे निर्णय ले रहा है, जो देश के लिए उदाहरण बन रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड ने गहन अध्ययन के बाद यूनिफार्म सिविल कोर्ड लागू किया. इसे वो सही मायने में सेकुलर सिविल कोड मानते हैं. आज पूरा देश यूसीसी पर चर्चा करते हुए, इसकी जरूरत महसूस कर रहा है. इसी तरह उत्तराखंड ने युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए नकल विरोधी कानून लागू करते हुए, नकल माफिया पर सख्त कार्यवाई की है. उत्तराखंड के ऐसे कई कार्य दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं.

प्रधानमंत्री के नौ आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज 9 नवंबर है. 9 का अंक शुभ माना जाता है. यह शक्ति का प्रतीक होता है. इसलिए आज वो उत्तराखंड के लोगों से 5 और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने 4 यानि कुल 9 आग्रह करना चाहते हैं.

बोली भाषा का संरक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपकी गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियां बेहद समृद्ध हैं. इन भाषाओं का संरक्षण बेहद जरूरी है. उत्तराखंड के लोग आने वाली पीढ़ियों को अपनी बोली भाषा जरूर सिखाएं, उत्तराखंड की पहचान के लिए भी यह जरूरी है.

  1. एक पेड़ मां के नाम

पूरा देश जानता है कि उत्तराखंड के लोग प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी होते हैं. उत्तराखंड तो गौरा देवी की भूमि है. यहां हर महिला मां नंदा का रूप है. इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें. इसके लिए एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करें. क्लामेंट चेंज से लड़ने के लिए भी यह बेहद जरूरी है.

  1. स्वच्छ जल

उत्तराखंड में नौलों-धारों की पूजा किए जाने की परंपरा है. इसलिए आप सभी अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति देने का प्रयास करेंगे.

  1. गांव से जुड़ाव

उत्तराखंड के लोग अपने गांव में आकर उसकी जड़ों से जुड़े रहें हैं. खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं. इससे गांवों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे.

  1. तिबारी वाले घरों को संवारें

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपने गांव में पुराने तिबारी वाले घरों को बचाने और संरक्षित करने के लिए भी आगे आएं. पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर, आय का साधन बना सकते हैं.

पर्यटकों से अपील

  1. सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें

पर्यटक के रूप में आप जब भी आप हिमालय की गोद में जांए, स्वच्छता को सबसे ऊपर रखें. इस सोच के साथ जाएं कि पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है.

  1. वोकल फॉर लोकल

पहाड़ों में घूमने-फिरने के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें, अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें.

  1. यातायात के नियम अपनाएं

आप जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधान रहें, हर किसी का जीवन अमूल्य है.

  1. तीर्थों की मर्यादा का पालन करें

धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति -रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें. इस बारे में उत्तराखंड के लोगों की मदद ले सकते हैं.

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