कर्नाटक: कर्नाटक (Karnataka) में प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक (Anti Conversion Bill) के मसौदे में सामूहिक धर्मांतरण में शामिल व्यक्तियों के लिए तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. राज्य की भाजपा सरकार यहां चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश कर सकती है. मसौद में यह भी कहा गया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले को इसके लिये जिला मजिस्ट्रेट या अन्य किसी अधिकारी, जो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से नीचे की रैंक का अधिकारी न हो, को एक महीने पहले नोटिस देना होगा. इसके अलावा गैर-कानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह या विवाह के लिये गैर-कानूनी धर्मांतरण को अमान्य समझा जाएगा.
इसके अलावा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और नाबालिगों के धर्मांतरण की स्थिति में परिणाम कठोर होंगे. मसौदे में कहा गया है कि नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का गैर-कानूनी धर्मांतरण कराने वाले को तीन से दस साल के कारावास की सजा हो सकती है. साथ ही कम से कम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, सामूहिक धर्मांतरण में शामिल व्यक्ति को तीन से 10 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.