राजनाथ सिंह बोले- कृषि कानून भलाई के लिए ही लाए गए, किसान भाइयों की बात सुनने को तैयार

दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के 93वें सालाना बैठक को संबोधित किया. इस दौरान किसान आंदोलन (Farmers Protest) का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि केंद्र सरकार के किसानों की ताकत और कृषि क्षेत्र को कमजोर करने के लिए कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. राजनाथ ने कहा, ‘किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्रों में सुधारों पर फोकस किया गया है. हमारी सरकार हमेशा से देश के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखती आई है.’

राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये फिक्की के सालाना बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों की बात सुनने के लिए तैयार रहती है. इसी का नतीजा है कि सरकार की किसानों के साथ अब तक 5 बार की बात हो चुकी है. सरकार ने एक प्रस्ताव भी किसानों को भेजा है. आपसी गलतफहमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. हमारी तरफ से किसानों को वो आश्वासन ही दिए गए हैं, जिन्हें हम पूरा कर सकते हैं. हम चर्चा और बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं.’

राजनाथ ने कहा, ‘मोदी सरकार के लिए कृषि क्षेत्र प्राथमिकताओं वाले क्षेत्र में आता है. ये एक ऐसा क्षेत्र है जो कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों से बचने में खुद सक्षम रहा है. ये सिर्फ हमारी सरकार के लिए नहीं, बल्कि किसी भी सरकार के लिए अच्छी स्थिति है.’

वहीं, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दोनों तरफ भारत और चीन की सेना के जमावड़े पर रक्षामंत्री ने कहा, ‘ भारतीय सुरक्षाबलों ने लद्दाख में विषम परिस्थितियों में भी अनुकरणीय साहस और उल्लेखनीय धैर्य दिखाया है. हमारे सुरक्षाबलों ने चीन की सेना (PLA) के साथ बहादुरी से लड़ाई की और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया.’

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है, हमारे सशस्त्र बलों ने उनका (चीनी सेना) बेहद बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया.

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