अगर आप राशन कार्ड (Ration Card) धारक है और आप केंद्र और राज्य सरकार की फ्री राशन योजना का लाभ ले रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and West Bengal सहित मई राज्यों में 18 अगस्त से 31 अगस्त तक राशन का वितरण होगा. इस बार कार्ड धारकों को फ्री गेहूं नहीं मिलेगा. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही आदेश जारी हो चुका है.
ये है मिलता
देशभर में मोदी सरकार पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत फ्री-वितरण के लिए गेहूं और चावल दिया जाता है. इसके पात्र राशन कार्ड धारकों को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल दिया जाता है. मालूम हो कि पिछली 1 जून से सरकार ने इस नियम में काफी बदलाव कर दिया है, और फ्री-गेहूं की जगह चावल दिया जा रहा है. यानी 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल की बजाय लाभार्थी को 5 किलो चावल दिया जा रहा है.
सभी डीएम को भेजा पत्र
केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद कम होने के कारण गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई से सितंबर तक वितरित होने वाले गेहूं के कोटे को घटा दिया है. यूपी, एमपी सहित कई बड़े राज्यों पर देखा जा रहा है. इस संबंध में यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग से राज्य के जिलाधिकारियों को पहले ही पत्र जारी कर दिया था.
1 यूनिट पर मिलेगा 5 Kg चावल
केंद्र सरकार से जारी पत्र में लिखा था ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना फेज 6’ के तहत अंत्योदय अन्य योजना एवं पात्र गृहस्थी के लाभार्थी के लिए 5 महीने (मई से सितंबर तक) नि:शुल्क 5 किलोग्राम अतिरिक्त खाद्यान्न का संशोधित आवंटन किया है. पत्र में लिखा था कि अवर सचिव भारत सरकार के पत्र में मई से सितंबर तक 5 महीने के लिए 3 kg गेहूं और 2 kg चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह के बजाय कुल 5 किलो चावल का वितरण किया जाएगा.
गेहूं की कमी से लिया फैसला
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा था कि इस दौरान करीब 55 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा. यह बदलाव केवल पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के लिए है. सितंबर के बाद सरकार की तरफ से 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल की व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा.
इन्हें मिल रहा फायदा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) से लगभग 81.35 करोड़ व्यक्तियों को फायदा मिल रहा है. इस अधिनियम के तहत लगभग 79.77 करोड़ लोगों को खाद्यान्न मिलता है.