अपने रेपिस्ट को सामने बैठाकर महिला ने की 4 घंटे बात, दी माफी

यौन हिंसा का शिकार हुई कनाडा की 25 साल की मार्ली लिस अपने साथ हुई दरिंदगी को भुलाकर आज दुर्व्यवहार और हिंसा की पीड़ित महिलाओं की मदद कर रही हैं. ओंटोरिया निवासी मार्ली लिस कहती हैं कि उनका पूरा जोर अपराधी को सजा दिलाने के बजाय पीड़ित के जख्मों को भरने और उन्हें नए सिरे से जीवन जीने की कला सिखाने पर है.

कनाडा की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्ली लिस ने साल 2019 में (रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस) अपने रेपिस्ट का करीब 4 घंटे तक सामना किया था. लिस ने रेपिस्ट को माफ कर दिया. वह कहती हैं कि एक बुरा अतीत भुलाकर उन्हें आगे बढ़ने की जरूरत है. तब से लेकर वह अपनी तरह यौन हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की मदद कर रही हैं.

लिस ने CTVNews.ca से टेलीफोन पर एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे अब तक करीब 40 महिलाओं के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है. किसी महिला के साथ हिंसा के बाद हम उसके इलाज, शर्मिंदगी महसूस करना, अपने शरीर से प्यार करना और पितृसत्तात्मक व्यवस्था को उजागर करने जैसी चीजों पर काम करते हैं. खुद की आपबीती बताते हुए लिस ने कहा कि अदालत की प्रक्रिया हिंसा जितनी ही दर्दनाक होती है, जो आपको इस दर्द से उबरने नहीं देती है. उन्होंने कहा कि वकील द्वारा हमलावर को डिफेंड करना आपको पीड़ित होने का एहसास दिलाता है.

लिस सिर्फ इतना जानना चाहती थीं कि आखिर रेपिस्ट ने उनके साथ ऐसा क्यों किया. लिस कहती हैं कि अगर उन्हें रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस के बारे में पहले पता होता तो वह अदालत की कार्यवाही से होने वाले अघात से खुद को बचा पाती. उन्होंने बताया कि रेस्टोरेटिव जस्टिव प्रोसेस को एक मेडिटेशन सर्किल के रूप में आयोजित किया गया था, जहां पीड़ित की मां, बहन, उसकी एक दोस्त, दो मेडिटेटर्स, दो वकील और खुद दोषी मौजूद था. यहां उन्होंने 8 घंटे तक सबके सामने अपना दर्द बयां किया और बताया कि आखिर इस घटना ने उनकी जिंदगी पर कितना बुरा असर डाला है.

लिस से जब पूछा गया कि दोषी अब क्या कर रहा है, अगर वो ये जानना चाहती है तो इसके लिए भी कानून में प्रवाधान है. इस पर लिस ने कहा कि उसे ये जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस घटना और दोषी के बारे में बार-बार सोचने से उनके पुराना जख्म ताजा होंगे. बता दें कि लिस ने ‘री ह्यूमनाइज’ नाम की एक संस्था भी शुरू की है, जो यौन हिंसा की पीड़ित महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें न्याय दिलाने का काम करती है.

कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस अपराध से होने वाले नुकसान की भरपाई पर आधारित है. इस प्रक्रिया के तहत अपराध के बाद पीड़ित पक्ष की जरूरतों का पता लगाकर उसकी भरपाई करने की कोशिश की जाती है. लिस कहती हैं कि अपनी संस्था में वह महिलाओं को हिंसा का शिकार होने के बाद अपने शरीर से प्यार करना सिखाती हैं. वह तरह-तरह के प्रोग्राम और वर्कशॉप के माध्यम से ऐसा करती हैं.

इन कार्यक्रमों के माध्यम से लिस हिंसा के बाद दुख और शर्म को खुद पर हावी न होने की कला सिखाती हैं. अपने साथ हुई हिंसा के बाद लिस को शर्म और दुख से बचने के इसे सीखना पड़ा था. उनके कार्यक्रमों में वर्चुअल सपोर्ट, गाइडेड मेडिटेशन और लोकल सेक्सुअल एसॉल्ट रिसोर्सिस के लिए संपर्क जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं.

स्टैटिस्टिक्स कनाडा सर्वे-18 के मुताबिक, 15 साल की उम्र की 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लड़कियां शारीरिक उत्पीड़न या यौन हिंसा का शिकार हुई हैं. स्टैटकैन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यौन हिंसा के हर पांच पीड़ितों में महिला और पुरुष दोनों होते हैं. इनमें से अधिकांश घटनाओं की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती है.

लिस चाहती हैं कि हर दुष्कर्म पीड़ित को ये पता होना चाहिए कि कार्रवाई के दौरान उसके पास ‘क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ ही एकमात्र विकल्प नहीं है. लिस का कहना है कि यौन पीड़ितों को उनके विकल्पों से अवगत कराना न्याय प्रणाली के भीतर काम करने वालों को शिक्षित करने से शुरू होता है. रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस सभी के लिए नहीं है, लेकिन न्याय प्रणाली के भीतर काम काम करने वालों को शिक्षित करने से इसे अधिक सुलभ बनाया जा सकता है.

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