बहुजन समाज पार्टी के लखनऊ स्थित कार्यालय पर आज देश भर के पार्टी पदाधिकारी जुटे थे, मौका था पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव. अध्यक्ष चुनने के लिए आज BSP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी, मंगलवार करीब 12 बजे शुरू हुई बैठक के बाद मायावती को पार्टी का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. वे 2003 से पार्टी अध्यक्ष हैं, लेकिन इस बार ऐसे वक्त पर मायावती पर ये जिम्मेदारी आई है, जब पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है.
पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसको सभी पार्टी नेताओं ने सहमति जताते हुए आगे बढ़ाया. उन्होंने सोमवार को अपने रिटायरमेंट को लेकर चल रही खबरों पर विराम लगाते हुए कहा था कि सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है, तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें.
2003 से बनी हुई हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
बसपा सुप्रीमो मायावती को 2003 में काशीराम की तबीयत बिगड़ने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. पिछले 21 सालों में एक बार भी मायावती के अलावा को दूसरा पार्टी का अध्यक्ष नहीं बना है. बैठक से पहले चर्चा थी कि उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद का कद बढ़ाया जा सकता है, कुछ लोग तो उम्मीद जता रहे थे कि मायावती राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी आकाश को सौंप सकती हैं.
बैठक में चुनावों पर भी हुई चर्चा
लखनऊ में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की, साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की रणनीति पर भी मंथन किया गया है. मायावती पहली साफ कर चुकी हैं कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी.