22 जनवरी को देश ने फिर से दीवाली मनाई. अयोध्या ने 500 सालों के इंतजार के बाद फिर से अपने राम का दीदार किया. अयोध्या के नव निर्मित राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुई. इस एतिहासिक दृश्य को न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया ने देखा. सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश इस मौके पर राममय था. हर इंसान की आंखें भर आई थीं. हर जगह पर जय श्री राम के नारे, भगवा झंडे और आतिशबाजियां देखी गईं. बीजेपी ने इसे मोदी की गारंटी के तौर पर पेश किया है.
22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था कि राम में ही सब कुछ है. यह क्षण अलोकिक है. इस घड़ी में हम सबपर भगवान राम का आशीर्वाद है. इसी कड़ी में गुजरात के अहमदाबाद स्थित रानीप इलाके में भी मंगलवार को श्री रामजी मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हुआ जिसके पुन: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए. शाह ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने लगभग 500 साल पहले मुगल शासक बाबर के काल के दौरान दिए गए गहरे घाव को मिटा दिया है.
‘मिट गए गहरे घाव’
अहमदाबाद के ‘पुन: प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ करके उल्लेखनीय काम किया है. दुनिया भर में भगवान राम के भक्त पिछले 500 सालों से इस क्षण का इंतजार कर रहे थे. वह पूछ रहे थे कि भगवान राम को तंबू से एक भव्य मंदिर में कब स्थानांतरित किया जाएगा. इस घटनाक्रम ने अब उस गहरे घाव को मिटा दिया है जो बाबर के युग के दौरान हमारे दिलों में हुआ था. उन्होंने दावा किया कि 2014 से पहले की सरकारें देश की संस्कृति, धर्म और भाषाओं का सम्मान करने से डरती थीं.
‘औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट किया था’
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया था. यह मोदी ही थे जिन्होंने इतने वर्षों के बाद इसका पुनर्निर्माण कराया और वहां एक गलियारा बनाया. बाबर ने अयोध्या में राम मंदिर को नष्ट कर दिया था. अब, वहां एक राम मंदिर बनाया गया है और प्रधानमंत्री मोदी ने जय श्रीराम के उद्घोष के बीच प्राण प्रतिष्ठा की है.