गोवा का ‘दुपट्टा किलर’, वो ‘हैवान’ जो महिलाओं को प्यार के जाल में फंसाता और फिर….

भारत में एक से बढ़कर एक खूंखार सीरियल किलर हुए हैं. इन्हीं में से एक सीरियल किलर था महानंद नाइक, जिसे लोग गोवा के ‘दुपट्टा किलर’ के तौर पर जानते हैं. महानंद ने एक नहीं बल्कि 16 महिलाओं को हत्या की. पुलिस ने एक बार महानंद को पकड़ा भी मगर वह अपनी चालबाजियों के चलते पकड़ से छूट गया. महानंद के अपराध की कहानी इतनी खूंखार है कि उसके ऊपर एक नाटक भी बना, जिसका नाम था, ‘महानंद: इंसान या शैतान’.

महानंद के अपराध की कहानी 1994 में शुरू होती है, जब वह गोवा की राजधानी पणजी से 40 किमी दक्षिण में शिरोडा से रह करता था. 21 साल की दर्शना नाइक उसके घर के पास में रहती थी. वह आमतौर पर घर में अकेले ही रहा करती थी. इसका फायदा उठाकर महानंद ने पहले तो उसकी हत्या की, फिर उसके शव को दुपट्टे के जरिए पेड़ पर लटका दिया. दर्शना का परिवार गरीब था, इसलिए उसने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करवाई. इसलिए मामले की जांच शुरू नहीं हो पाई और महानंद बच निकला.

पुलिस के चंगुल से ऐसे बचा
दर्शना ऑटोरिक्शा चालक महानंद की दूसरी शिकार थी, क्योंकि दो महीने पहले ही उसने 30 वर्षीय गुलाबी गाओंकर की हत्या की थी. वह महानंद के हाथों जान गंवाने वाली 16 महिलाओं में से पहली थी. वहीं, पुलिस को जब गुलाबी का शव मिला तो उसने छानबीन शुरू की. एक चश्मदीद ने बताया कि गुलाबी से एक दाढ़ी वाला शख्स मिलता था. फिर पुलिस ने महानंद को हिरासत में लिया. मगर उसके साथी ड्राइवरों ने बताया कि वह उस दिन उनके ही साथ था, जिस दिन गुलाबी गायब हुई.

हालांकि, किसी ने ये नहीं सोचा कि वह बीच में गायब हुआ, गुलाबी की हत्या की और फिर वापस लौट आया. इस तरह एक बार फिर से पुलिस ने उसे छोड़ दिया. महानंद ने इसके बाद 15 सालों तक पणजी के आस-पास दो दर्जन से ज्यादा महिलाओं की हत्या की. वह अपने शिकार से सेक्स और पैसा तो चाहता ही था, मगर उसे तड़पाकर मारने में भी थ्रिल आने लगा. महानंद अपने शिकार की तलाश गरीब इलाकों में करता था, जहां वह महिलाओं को पैसे का लालच देकर उन्हें अपने चंगुल में फंसा लेता था.

कैसे हत्या को अंजाम देता था महानंद?
पुलिस ने 21 अप्रैल 2009 को महानंद को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने बताया कि किस तरह वह महिलाओं को शिकार बनाया करता था. महानंद महिलाओं से मिलता और उनसे प्यार-भरी बातें करता. वह खुद को बिजनेसमैन बताता. महानंद अक्सर ऐसे नाम चुनता, जो शिकार के नाम से मेल खाते हों. जैसे गुलाबी के लिए वह गोविंद बन गया.

योगिता को उसने अपना नाम योगेश बताया था, जो 2009 में उसकी आखिरी शिकार थी. महानंद अपने शिकार से कहता कि उन्हें तब तक अपने रिलेशनशिप के बारे में खुलासा नहीं करना है, जब तक वे उसकी बहन और चाची से नहीं मिल लेती हैं. अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाने के बाद वह महिलाओं को अपने घर ले जाता. उनके साथ सेक्स करता और फिर उन्हें मौत के घाट उतार देता.

गुलाबी को छोड़कर महानंद ने सभी महिलाओं की हत्या उनके ही दुपट्टे से की थी. इस वजह से उसे दुपट्टा किलर का नाम मिला. महानंद ने पहली और दूसरी हत्या 1994 में की, फिर 1995 में एक महिला को उसने शिकार बनाया. इसके बाद आठ सालों तक खामोश रहने के बाद 2003 में उसने अपना चौथा शिकार किया. फिर 2005 में तीन, 2006 में एक, 2007 में पांच, 2008 में दो और 2009 में एक हत्या की.

कैसे पकड़ा गया ‘दुपट्टा किलर’?
योगिता नाइक गोवा के पोंडा शहर में रहती थी. 14 जनवरी, 2009 को वह 80 हजार रुपये की कीमत के गहनों के साथ लापता हो गई. एक दिन बाद उसका शव काजू के बागान से मिला. यह मामला भी बाकी मामलों की तरह भुला दिया गया होता, लेकिन मार्च में योगिता के परिवार ने मामले की जांच के लिए पोंडा पुलिस स्टेशन के नए इंस्पेक्टर चेतन पाटिल से संपर्क किया.

इंस्पेक्टर चेतन ने योगिता के कॉल रिकॉर्ड से जांच शुरू की. पता चला कि उसे आखिरी दो कॉल गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र के सिम कार्ड से की गई थीं, जिसका फोन खो गया था. फिर चेतन ने खोई हुई सिम की कॉल डिटेल देखी और पाया कि वह अभी भी एक्टिव है और इसका इस्तेमाल 23 वर्षीय महिला को अक्सर कॉल करने के लिए किया जा रहा है.

पुलिस ने महिला से पूछताछ की और पता चला कि वह खुद एक बलात्कार पीड़िता थी और फोन करने वाला कोई और नहीं बल्कि बलात्कारी महानंद था. इस तरह पुलिस ने महानंद को गिरफ्तार किया और पता चला कि उसने अब तक 16 महिलाओं की हत्या की है. अब महानंद की उम्र 54 साल है और वह पिछले 14 सालों से जेल की सलाखों के पीछे है..

Related posts

Leave a Comment