लोकसभा चुनाव में अपने और इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन को संतोषजनक मान रही कांग्रेस भविष्य को लेकर रणनीति बनाने में जुट गई है. इसके लिए ज़िम्मेदारी तय करते हुए संगठन में बदलाव की तैयारी है, सबसे पहले करीब आधा दर्जन से ज़्यादा प्रदेश अध्यक्ष और कुछ प्रभारी महासचिवों को बदलने की तैयारी है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान, हरियाणा के नतीजों को पार्टी आलाकमान ने बेहतर माना है, इसलिए यहां के प्रदेश अध्यक्ष अपने पदों पर फिलहाल कायम रहेंगे.
हालांकि, पंजाब की राजनीति में सक्रिय होने की इच्छा जता चुके राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा अबकी बार सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं, इसलिए वो बदले जाएंगे. वहीं दिल्ली और हरियाणा के प्रभारी दीपक बावरिया, उड़ीसा और तमिलनाडु के प्रभारी अजॉय कुमार से एक-एक राज्य ले लिया जाएगा.
इन नेताओं पर लटक रही तलवार
इसके अलावा चुनावों के दौरान अरविंदर सिंह लवली के बीजेपी में जाने पर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए देवेंद्र यादव अब इसी पद पर फोकस करेंगे और पंजाब के प्रभारी का पद किसी और को दिया जाएगा. वहीं हिमाचल अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, छत्तीसगढ़ अध्यक्ष दीपक बैज, बिहार अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, झारखण्ड अध्यक्ष राजेश ठाकुर, उत्तराखण्ड अध्यक्ष करन सिंह माहरा, 29-00 नतीजे वाले एमपी अध्यक्ष जीतू पटवारी, अपना चुनाव हारने वाले बंगाल अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर बदले जाने की तलवार लटक रही है.
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड पर फोकस
उधर, तेलंगाना में मुख्यमंत्री और अध्यक्ष दोनों पद सम्भाल रहे रेवंत रेड्डी अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं. साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल गए झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम की जगह भी नई नियुक्ति होगी. कांग्रेस का पहला फोकस महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखण्ड पर है, जहां विधानसभा के चुनाव हैं. सूत्रों की मानें तो 3 जुलाई को संसद का विशेष सत्र खत्म होने के बाद संगठन में इन बदलावों का ऐलान कर दिया जाएगा.