उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. यहां एक परिवार के पांच लोग जिसमें पति-पत्नी और तीन बच्चे शामिल है ने एक दूसरे की रजामंदी से जहर खा लिया. जहर खाने के बाद जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो शख्स ने अपने ससुराल फोन लगा दिया. जिसके बाद दोनों के परिजनों ने मौके पर पहुंचे और सभी को हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया. पुलिस फिलहाल इस मामले में पड़ताल कर रही है.
पूरा मामला जमानिया विधानसभा के दिलदारनगर थाना क्षेत्र के जबूरना गांव का है. जहां के रहने वाले बृजेश कुशवाहा (35) के तीन भाई हैं. बृजेश आर्थिक तंगी से परेशान है इसलिए उसने अपने पिता से बंटवारे की बात कही थी. लेकिन पिता राजी नहीं हुए तो फिर उन्होंने एक दुकान करने की भी बात कही. पिता इस बात पर भी सहमत नहीं हुए. इसके बाद बृजेश घर लौटा और अपनी पत्नी शकुंतला के साथ अपने बेटे जिगर, अंजलि और शिवानी को पूरी बात बताई. फिर पूरे परिवार ने जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय लिया. निर्णय में सभी की रजामंदी भी ली गई. इसके बाद बृजेश गन्ने के रस में सल्फास मिलाया और सभी एक-एक करके पी गए.
गन्ने का जूस पीने के बाद जब इन लोगों की हालत खराब होने लगी तब बृजेश ने इसकी जानकारी अपने ससुराल के साथ ही अपने अन्य जानने वाले लोगों को भी दी. इसके बाद ससुराल पक्ष के लोग तत्काल उसके घर पहुंचे और किसी तरह उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया लेकिन हालत गंभीर होने पर सभी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.
पांचों को राजकीय मेडिकल कॉलेज गाजीपुर के गोरा बाजार स्थित जिला अस्पताल के इमरजेंसी में एडमिट कराया गया.जहां पर डॉ. मिथिलेश यादव और उनकी पूरी टीम के जरिए तत्काल इलाज शुरू किया गया. इलाज के फल स्वरुप सभी की हालत में सुधार होने लगा.
सभी की हालत में सुधार होने के बाद सभी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इस मामले को लेकर बृजेश और उसकी पत्नी शकुंतला ने बताया कि पारिवारिक कलह और जमीन के बंटवारे को लेकर इस तरह का कदम उन्होंने उठाया. इसके लिए हमने अपने बच्चों को भी बताया जिसकी रजामंदी के बाद हम लोगों ने यह कदम उठाया था.
वहीं जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉ मिथिलेश यादव ने बताया कि सभी पांचों प्वॉइजन केस में क्रिटिकल मरीज के रूप में लाए गए थे . जो अब खतरे से बाहर हैं. वही इस खौफनाक घटना की जानकारी जमानिया विधानसभा के विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह को हुई तो वह भी जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मिलकर सभी का लिया.