लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब सबकी निगाह यूपी विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है. सियासी दलों ने इसकी तैयारी तेज कर दी है. फूलपुर सीट को लेकर सपा और कांग्रेस में खींचतान जारी है. दरअसल, इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस प्रयागराज की फूलपुर सीट से लड़ने की तैयारी में है. कांग्रेस इस सीट को अपना परंपरागत सीट बता रही है.
फूलपुर सीट पर दावेदारी करने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को फूलपुर क्षेत्र में ही संगठनात्मक बैठक की. इस बैठक में पार्टी नेताओं ने फूलपुर की सीट कांग्रेस को दिए जाने की मांग की. मीटिंग में मौजूद प्रदेश महामंत्री और संगठन मंत्री अनिल यादव ने कहा कि वह कार्यकर्ताओं और नेताओं की भावनाओं से पार्टी हाईकमान को अवगत कराएंगे.
फूलपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट
उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान से यह अनुरोध करेंगे कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए इंडिया गठबंधन में फूलपुर की सीट पर कांग्रेस पार्टी खुद ही लड़े. कांग्रेस फूलपुर सीट को नेहरू की पारंपरिक सीट बता रही है. वहीं, प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी का कहना है कि फूलपुर में कांग्रेस पार्टी का संगठन पूरी मजबूती के साथ खड़ा है. फूलपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. तिवारी ने कहा कि यह सीट पंडित नेहरू जी की सीट है. हमारा मानना यहां इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी उतरेगी. जब हम यहां से लड़ेंगे तो बीजेपी की हार होना तय है. तिवारी ने आगे कहा कि प्रत्याशी यहां से कौन होगा, इसका फैसला आलाकमान पर छोड़ा गया है. वही तय करेंगे कि यहां से कौन लड़ेगा और कौन नहीं लड़ेगा. मगर हमारी यही इच्छा है कि फूलपुर सीट से कांग्रेस बाई इलेक्शन का चुनाव लड़े.
फूलपुर सीट को नेहरू का परंपरागत सीट इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि उनका निधन 1964 में इसी सीट पर रहते हुए हुआ था. यह लोकसभा सीट ऐतिहासिक सीट मानी जाती है. दो भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और वीपी सिंह यहां से चुने गए हैं.
प्रवीण पटेल के MP बनने के बाद खाली हुई फूलपुर सीट
अगर बात फूलपुर सीट की जाए तो 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रवीण पटेल जो पहले विधायक थे, वो चुनाव जीतकर सांसद बन गए. उन्होंने सपा के अमरनाथ मौर्य को करीब 4000 वोटों से हराया था. सांसद बनने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, इसके बाद यह सीट खाली हुई थी.
यूपी की इन 10 सीटों पर होंगे उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ शामिल हैं. सीसामऊ को छोड़कर सभी 9 सीटों के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, इसलिए ये सीटें खाली हुई हैं और इन पर उपचुनाव होना है. वहीं, सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे में सदस्यता रद्द होने के कारण यह सीट खाली हुई है. उपचुनाव के तारीखों का ऐलान तो अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है