कोहरा हो या तूफान…फ्लाइट लेट या कैंसल हो जाए तो क्या रिफंड मिलेगा, खाना-पीना फ्री मिलेगा? जानिए क्या हैं यात्रियों के अधिकार

दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस कारण कोहरे का भी आलम है. 5 जनवरी (रविवार) को दिल्ली से उड़ने वाली कम से कम 18 फ्लाइट रद्द हो गई. वहीं, 250 से ज्यादा फ्लाइट्स देरी से चली. रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कम से कम चार घंटे तक जीरो विजिबिलिटी रही. इन चार घंटों में दृश्यता बिल्कुल न के बराबर रही. इस कारण यात्रियों को काफी असुविधा हुई.

देरी के दौरान यात्रियों के अधिकार
जब फ्लाइट्स देरी से चले तो एयरलाइन कंपनियों का ये फर्ज हो जाता है कि वे पैसेंजर की ठीक तरह देखभाल करें. ऐसी परिस्थिति में न सिर्फ वे भोजन उपलब्ध कराती हैं बल्कि ठहरने की भी जगह मुहैया कराती हैं. लेकिन ये तभी जब जरूरी हो. मसलन, भारत में अगर किसी फ्लाइट की देरी एक दिन से कम है, तो एयरलाइन को हवाई अड्डे पर भोजन और जलपान उपलब्ध कराना होता है. यदि देरी एक दिन से अधिक है, तो एयरलाइन को यात्रियों के लिए होटल में रहने की जगह और आने-जाने की व्यवस्था करनी होती है.

इस दौरान, एयरलाइन आपसे एक रूपया ज्यादा नहीं ले सकती और जरूरी हुआ तो आपको किसी दूसरे फ्लाइट में जाने की व्यवस्था भी देती है. साथ ही, अगर आपने ठहरने के लिए अलग से पहले ही पैसा दे दिया है तो आप उसे क्लेम भी कर सकते हैं. हां, एयरलाइन नियामक ने ये स्प्षट किया है कि अगर देरी असाधारण परिस्थितियों के कारण होती है, तो एयरलाइन कंपनियां यात्रियों को मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होंगी. ये तो देरी की बात हो गई, अब आते हैं उस सवाल पर कि अगर फ्लाइट कैंसिल हो जाती है तो क्या होगा.

अगर फ्लाइट कैंसिल हो जाती है तो
अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाती है तो एयलाइन कंपनी आपको दो घंटे के भीतर दूसरी फ्लाइट उपलब्ध कराएगी या फिर आपके पैसे वापस करेगी. फ्लाइट के पैसे वापस करने को लेकर भी नियम-कायदे हैं. अगर कोई फ्लाइट पखवाड़े (15 दिन) के भीतर और प्रस्थान से 24 घंटे पहले तक रद्द हो जाती है, तो यात्रियों को फ्लाइट के समय के आधार पर 5,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का रिफंड और मुआवजा मिलता है. इसके लिए आपको पहले तो सभी बातचीत और टिकट से संबंधी चीजों का दस्तावेज अपने पास रखना होगा. फिर आपको एयरलाइन कंपनी से रिफंड मांगना होगा. ज्यादातर बार यहीं चीजें निपट जाती हैं. लेकिन अगर कोई दिक्कत है तो आपको एयरलाइन कंपनी ने जो कुछ भी मुआवजा ऑफर किया, उसे लिखित में उनसे मांगे. अगर आप उससे संतुष्ट नहीं हैं तो आप डीजीसीए (नागरिक उड्डयन नियामक) में शिकायत करा सकते हैं. साथ ही, कानूनी विकल्पों का भी सहारा ले सकते हैं.

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