मोदी सरकार ने की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची

महाराष्ट्र में राज्यपाल और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश के फैसले के बाद शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। अब क्योंकि आज कोर्ट की रजिस्ट्री बन्द है, इसलिए चीफ जस्टिस के घर से इसकी इजाज़त ली जाएगी। शिवसेना ने आज इस मामल में अर्जेंट सुनवाई की मांग की है

शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई कि सरकार बनाने की उनकी क्षमता को साबित करने के लिए पार्टी को समय नहीं दिया गया। वकील सुनील फर्नांडीज ने शिवसेना के लिए याचिका दायर की है।

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी। राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

बाद में महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सोमवार रात को राकांपा को राजभवन में आमंत्रित किया। राकांपा राज्य में तीसरा सबसे बड़ा दल है। शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा के 288 सदस्यीय विधानसभा में 54 विधायक हैं जो भाजपा (105) और शिवसेना (56) के बाद तीसरा सबसे बड़ा दल है

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