महंगे हो सकते हैं मोबाइल फोन, GST दर 12% से बढ़कर 18% हुई

दिल्ली: मोबाइल फोन खरीदने के लिए अब आपको ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। दरअसल जीएसटी काउंसिल ने मोबाइल फोन और कुछ खास पुर्जों पर जीएसटी दर को बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी है। पहले ये दर 12 प्रतिशत थी। आज जीएसटी काउंसिल 39वीं बैठक थी जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी दरें बढ़ाने से फोन निर्माताओं के पास पूंजी की स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन इससे तैयार माल की कीमतें बढ़ सकती हैं। दरअसल मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लग रहा है। हालांकि फोन निर्माण के लिए कई जरूरी पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का टैक्स देना पड़ता है। ऐसे में इनपुट की दर 18 प्रतिशत हो जाती है। तैयार माल की तुलना में लागत पर टैक्स की दरें अधिक होने से कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड का दावा करना पड़ता है। मीडिया में चली खबर के मुताबिक इस व्यवस्था के तहत सालाना करीब 20 हजार करोड़ रुपये के रिफंड का दावा किया जाता है। इसे ठीक करने के लिए ही मोबाइल फोन पर दरों को बढ़ाकर लागत दरों के स्तर पर ला दिया गया है।

बैठक में हालांकि फर्टिलाइजर, कृत्रिम यार्न, फुटवियर और फाइबर की दरों पर कोई फैसला नहीं हुआ। इन पर अगली बैठक में फैसला होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ देश में रिपेयर और ओवरहॉलिंग सेवा देने वालों को बड़ी राहत मिली है। सेक्टर के लिए जीएसटी दरें 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। नई दरें पहली अप्रैल 2020 से लागू होंगी ।

साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि कारोबारियों को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने की तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है। जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से कम है उन्हें लेट रिटर्न फाइल करने पर जुर्माना नहीं देना होगा।

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