दिल्ली: देश में अनलॉक 5.0 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षा मंत्रालय भी 15 अक्टूबर तक सभी स्कूलों को खोलने की अनुमति दे चुका है। लेकिन दिल्ली में स्कूल फिलहाल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की है कि दिल्ली में स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखा जाएगा। बता दें कि देश में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 65 लाख के पार चली गई है। वहीं 1 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
पिछले महीने जारी हुई अनलॉक 4 की गाइड लाइंस के अनुसार जहां कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गई थी। वहीं अनलॉक 5 में 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। पिछली बार की तरह इस बार भी सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित स्कूलों को खोलने की इजाजत दी गई है। जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इस बीच यह राज्यों पर छोड़ दिया गया है कि वे स्कूलों को कब खोलने की अनुमति देते हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। राज्यों को इन्हीं गाइड लाइंस के आधार पर नियम तय करने होंगे। स्कूल खोलने का स्टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पहले ही जारी किया जा चुका है। जिसमें कोविड से जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया था। आइए जानते हैं नई गाइडलाइंस में क्या है।
- स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के लिए केंद्र की गाइडलांइस?
- ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।
- अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
- स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।
- जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।
- कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के नियम
- कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट के खोले जाने पर फैसला उच्च शिक्षा विभाग को करना है। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने इनके लिए भी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं।
राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।