मेरठ: कृषि कानूनों के विरोध में सालभर तक चला किसान आंदोलन (Farmers Protest) समाप्त हो गया है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के नेतृत्व में गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले किसान अब घर लौट गए हैं. टिकैत ने बुधवार को फतह मार्च निकालकर किसानों संग घर वापसी की. इस बीच, टिकैत ने बुधवार को कहा कि वह किसी तरह का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. दिल्ली से लौटते वक्त मेरठ में किसानों ने कल उनका जोरदार स्वागत किया.
मीडिया में चली खबरो के मुताबिक राकेश टिकैत ने कहा, “मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं और किसी भी राजनीतिक दल को अपने पोस्टर में मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.”
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने एक साल से चले आ रहे आंदोलन को 9 दिसंबर को स्थगित करने का ऐलान किया था. सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कमेटी गठित करने और किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के वादों के बाद यह कदम उठाया.
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर में आंदोलन शुरू किया था और हाल ही में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को रद्द कर दिया था जिसके बाद किसानों की घर वापसी हुई है. किसान ट्रैक्टरों और ट्रकों में सवार होकर अपने घरों के लिए निकले.
मीडिया में चली खबरो के मुताबिक, हवन पूजन और प्रसाद में हलवा वितरण के बाद भारत माता की जयकार व देशभक्ति के गीतों के बीच विजय यात्रा में शामिल किसान गाजीपुर बॉर्डर से अपने गंतव्य को रवाना हुए. इस दौरान किसान नेता टिकैत ने कहा कि आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-मीठी और कड़वी यादें हमेशा साथ रहेंगी.