गुवाहाटी: महाराष्ट्र का सियासी संकट अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है. गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने सु्प्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है औऱ अयोग्यता के नोटिस को चुनौती दी है. असल में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. एक याचिका में विधान सभा में शिंदे की जगह विधायक अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता और सुनील प्रभु को नया चीफ व्हिप बनाने को भी चुनौती दी गई है. पहली याचिका शिंदे की है और अयोग्यता की कार्यवाही को लेकर है. जबकि दूसरी याचिका विधायक भरत गोगावले की और से दाखिल की गई है. इसमें विधान सभा में शिवसेना विधायक दल के नेता और चीफ व्हिप की नियुक्तियों में बदलाव को चुनौती दी गई है. सूत्रों के मुताबिक शिंदे शिविर ने अपनी याचिका की प्रति पहले ही इस मामले में प्रतिवादी महाराष्ट्र सरकार के पास भेज दी है, ताकि कोर्ट में नोटिस का समय बचे. एकनाथ शिंदे और भरत गोगेवाल की याचिकाओं पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच सुनवाई करेगी.
मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुबह साढ़े दस बजे ही अवकाशकालीन पीठ और रजिस्ट्रार के सामने अर्जेंट सुनवाई के लिए मेंशन किए जाने की उम्मीद है. शिंदे गुट ने अजय चौधरी की शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ निर्दलीय और बीजेपी विधायकों की ओर से भेजे गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने को भी चुनौती दी गई है. दूसरी याचिका में गोगावले की ओर से बागी विधायकों के परिवारों को सुरक्षा देने के निर्देश देने की मांग भी की गई है.
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के ठाकरे गुट की याचिका पर 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया है. जिन्हें 27 जून की शाम तक जवाब देना है. खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में अयोग्यता नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया है. शिंदे के अलावा 15 अन्य बागी विधायकों को ऐसा नोटिस भेजा गया है. शिंदे कैंप ने शिवसेना विधायक दल का नेता अजय चौधरी को नियुक्त किए जाने को भी चुनौती दी है. हालांकि इन विधायकों के पास 27 जून की शाम तक का ही समय है. माना जा रहा है कि बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका के साथ उद्धव ठाकरे अपने मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी कर सकते हैं. इनमें एकनाथ शिंदे, दादा भूसे औऱ कुछ अन्य मंत्रियों के नाम शामिल हैं. अब तक 9 मंत्री उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ चुके हैं. शिवसेना के 55 में से 40 विधायक भी शिंदे गुट के साथ खड़े हैं. इससे पहले, डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की याचिका को भी यह कहकर खारिज कर चुके हैं कि ये गुमनाम मेल आईडी से उन्हें भेजा गया था, विधायकों को इसके लिए खुद सामने आना होगा.
महाराष्ट्र में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पहला बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. कुछ बागी विधायकों के घर औऱ कार्यालयों पर हमले के बीच ये निर्देश उनकी ओऱ से दिया गया है. इस बीच केंद्र सरकार ने 16 बागी विधायकों को वाई कैटेगरी की सुरक्षा देने के साथ उनकी परिवार की हिफाजत के लिए भी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का निर्देश दिया है.