पिछले कुछ दिनों से झारखंड में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच आज राज्य की राजधानी रांची में एक महत्वपूर्ण क्लाइमेक्स नजर आने वाला है. दरअसल, आज यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मंत्रिपरिषद की बैठक होगी. यह बैठक गुरुवार दोपहर 4 बजे से झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में शुरू होगी. इस बैठक के संबंध में बुधवार को मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा सूचना दी गई. ऐसे में अब हर किसी की नजर इस बैठक पर टिकी है. बैठक के बाद राज्य में आगे का सीन क्लियर हो सकता है.
बुधवार को रायपुर एयरपोर्ट से 4 मंत्री निकले बाहर
इससे पहले झारखंड के 4 मंत्री बुधवार को मेफेयर रिजॉर्ट से रायपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए. ये सभी यहां से रांची जाएंगे, जहां वह सीएम हेमंत सोरेन के साथ होने वाली कैबिनेट की बैठक में शामिल होंगे. पहले चर्चा थी कि हेमंत सोरेन खुद रायपुर आ सकते हैं, लेकिन इस प्लान पर बात नहीं बनी. वहीं आज होने वाली बैठक की सूचना मिलते ही बीजेपी कार्य़कर्ताओं ने दोपहर करीब 12 बजे बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
अभी राजनीति का केंद्र बना छत्तीसगढ़ का रिजॉर्ट
वहीं बैठक से अलग छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोलाहल से दूर नवा रायपुर शहर का ‘मेफेयर रिजॉर्ट’ राजनीति का केंद्र बन गया है. यहां संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के सभी विधायक रुके हुए हैं. फिलहाल पूरे रिजॉर्ट को एक किले में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर झारखंड से आए 32 विधायक और वरिष्ठ नेता ठहरे हुए हैं. बाहर दिनभर मीडियाकर्मियों और आम लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. आसपास के लोगों ने बताया कि पहले यहां की सड़कें आमतौर पर सुनसान रहती थीं, लेकिन मंगलवार से लगातार लग्जरी कार और बसों की आवाजाही है.
तीसरी बार इस रिजॉर्ट में लाए गए हैं विधायक
बता दें कि यह तीसरी बार है जब विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से बचने के लिए कांग्रेस या उसके सहयोगी दल के विधायकों को यहां ठहराया है. यहां मंगलवार शाम झारखंड में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने अपने 32 विधायकों को रायपुर के इस प्रसिद्ध रिजॉर्ट में भेज दिया. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि गठबंधन का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में चल रहे राजनीतिक संकट का फायदा उठाकर कथित तौर पर उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर सकती है.
झारखंड विधानसभा का गणित समझें
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में मौजूदा गठबंधन सरकार के पास कुल 49 विधायक हैं. इसके अलावा सोरेन को कुछ अन्य विधायकों का भी समर्थन मिला हुआ है. अगर पार्टी वाइज बात करें तो झामुमो के पास 30 विधायक, कांग्रेस के पास 18 विधायक और आरजेडी के पास एक विधायक है. दूसरी तरफ बीजेपी की बात करें तो उसके पास कुल 26 एमएलए हैं, जबकि उसकी सहयोगी आज्सू के पास दो एमएलए हैं. इन्हें भी सदन में दो अन्य विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. मुख्यमंत्री के विवाद में फंसने के बाद से यहां राजनीतिक संकट बन गया है. ऐसे में चर्चा है कि बीजेपी इसका फायदा उठाते हुए सत्तादल के विधायकों को खरीद सकती है.