तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से सियासत गरमा गई है। विपक्षी पार्टियों ने जहां सेंथिल को ईडी द्वारा हिरासत में लेने की आलोचना की है और इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया है। वहीं तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने ईडी की कार्रवाई का समर्थन किया है और आरोपी मंत्री को कैबिनेट से हटाने की मांग की है।
एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने बालाजी के रोने के वीडियो पर कहा कि तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी ड्रामा कर रहे हैं। डीएमके इस मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री स्टालिन को आरोपी मंत्री को कैबिनेट से हटाना चाहिए। अगर सीएम ऐसा नहीं करते हैं तो राज्यपाल को इस मामले में दखल देना चाहिए।
डी जयकुमार ने कहा कि ईडी कानून के दायरे में रहकर काम कर रही है। कल तक बालाजी ठीक थे लेकिन जब ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया तो उनकी तबीयत बिगड़ गई। ईडी को एम्स के डॉक्टर से उनकी जांच करानी चाहिए और कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
डीएमके नेता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की कांग्रेस ने आलोचना की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘यह और कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक उत्पीड़न है, जो मोदी सरकार द्वारा विरोधियों के खिलाफ किया जाता है। विपक्ष में कोई भी इस तरह की कार्रवाई से डरने वाला नहीं है।’ टीएमसी ने भी इसकी आलोचना की है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह पूरी तरह से ईडी के दुरुपयोग का मामला है।
वहीं तमिलनाडु सरकार ने सेंथिल की गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध जताया है और आरोप लगाया है कि सेंथिल को बेवजह परेशान किया जा रहा है। सेंथिल से बीते 24 घंटे से लगातार पूछताछ की जा रही है, यह पूरी तरह से मानवाधिकार के खिलाफ है।
ईडी ने चेन्नई में डीएमके सरकार के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी के आवास पर छापेमारी की। छापेमारी के बाद सेंथिल को हिरासत में ले लिया गया। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की गई। उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के खिलाफ कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले में जांच की अनुमति दी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। ईडी ने मंगलवार को बालाजी के चेन्नई, करूर और इरोड स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई। अपने ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद सेंथिल बालाजी की तबीयत बिगड़ गई और वह रोते देखे गए। इसके बाद सेंथिल को अस्पताल ले जाया गया।