मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को संसद में जारी गतिरोध के बीच लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी. सूत्र बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को स्पीकर ओम बिड़ला लोकसभा में सभी दलों के प्रमुख नेताओं से चर्चा करेंगे. जबकि कांग्रेस चाहती है कि प्रस्ताव पर गुरुवार से ही चर्चा शुरू कराई जाए.
सूत्रों के अनुसार, स्पीकर सभी दलों के प्रमुख नेताओं से इस बात पर चर्चा करेंगे कि अविश्वास प्रस्ताव पर किस दिन बहस कराई जाए. स्पीकर सभी दलों के नेताओं से सलाह मशविरा करने के बाद गुरुवार को ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की तारीख फाइनल करेंगे. माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में अगले हफ्ते चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर दो दिन की चर्चा होगी.
बहस के दूसरे दिन PM मोदी भी होंगे शामिल
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बहस में शामिल होंगे और मणिपुर से संबंधित मुद्दों का जवाब देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस के दूसरे दिन जवाब देंगे. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से आने वाले मंत्री, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से आने वाले मंत्री और सांसद सरकार तथा बीजेपी की तरफ से चर्चा में हिस्सा लेंगे.
दूसरी ओर, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विपक्षी गठबंधन INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) में शामिल घटक दलों के सभी सांसद मणिपुर मसले पर केंद्र सरकार के विरोध में गुरुवार को काले कपड़े पहुंचकर संसद पहुंचेंगे. पीएम मोदी की ओर से अब तक संसद में मणिपुर मसले पर बयान नहीं देने के विरोध में ये सभी सांसदों को काले कपड़े पहनकर संसद पहुंच सकते हैं.
मोदी सरकार के खिलाफ दूसरा अविश्वास प्रस्ताव
इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि नियम के अनुसार, जब तक अविश्वास प्रस्ताव दिया न जाए तब तक उस पर चर्चा न की जाए. और आज बुधवार को नियम 198 के तहत जो प्रस्ताव पेश किया गया है ये सिर्फ कांग्रेस का नहीं है बल्कि INDIA का है. पिछले 9 सालों में यह दूसरा अवसर है जब मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से पेश किया गया.
तिवारी ने कहा, “इस प्रस्ताव को लाने की वजह यह है कि 84 दिनों से मणिपुर में जिस तरह से कानून व्यवस्था चरमरा गई है, उसे देखते हुए हम लोग मजबूर हो गए और हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए. INDIA की मांग है कि कल गुरुवार को ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए.”
कल से ही शुरू करा दी जाए चर्चाः मनीष तिवारी
कांग्रेस के लोकसभा सांसद ने कहा, “कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सिर्फ सरकार का शीर्ष नेतृत्व ही दे सकता है. गृह मंत्री (अमित शाह) ने लोकसभा और राज्यसभा के विपक्ष के नेताओं को चिट्ठी लिखी और चर्चा कराए जाने की बात कही, लेकिन हमारा कहना है कि अगर आप चर्चा के लिए तैयार हैं तो पीएम को सदन में आकर बयान देने में क्या दिक्कत है?”
उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि संसदीय नियमावली के अनुसार लोकसभा स्पीकर के पास यह अधिकार है कि अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार करने के 10 दिनों के अंदर चर्चा कराए, लेकिन स्पीकर को सारे काम छोड़कर कल ही इस पर चर्चा शुरू करवानी चाहिए.”