दिल्ली में INDIA गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में सीटों के बंटवारे पर भी शुरुआती बातचीत हुई. बैठक में मौजूद अधिकतर नेताओं ने कहा कि ये काम जल्द से जल्द पूरा हो जाए. इसके लिए एक डेडलाइन भी तय की गई है. कहा गया कि कोशिश ये होनी चाहिए कि 31 अक्टूबर तक मोटे तौर पर सीटों का बंटवारा कर लिया जाए. इसके लिए स्टेट लेवल पर इंडिया के घटक दलों के नेताओं के बीच बातचीत होगी. बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि सीटों पर सहमति जल्द होने से चुनाव लड़ने में फायदा होगा और विपक्षी एकता का संदेश जनता के बीच जाएगा.
एनसीपी नेता शरद पवार के दिल्ली वाले घर पर इंडिया गठबंधन के कोआर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई. ये तय हुआ कि गठबंधन की पहली साझा रैली भोपाल में होगी. एमपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुकाबला है, लेकिन इंडिया गठबंधन के दो और सहयोगी दल समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
सपा की मांग को आलाकमान के सामने रखेगी कांग्रेस
बैठक के दौरान मौजूद समाजवादी पार्टी के राज्य सभा सांसद जावेद अली खान ने कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से सीटों के बंटवारे पर बातचीत की. उन्होंने कांग्रेस से एमपी चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए कुछ सीटें छोड़ने की मांग की. यूपी से सटे एमपी के कुछ इलाकों में समाजवादी पार्टी का प्रभाव रहा है. जावेद अली खान ने कहा कि गठबंधन की मजबूती के लिए सीटों का बंटवारा होना चाहिए. उन्होंने बैठक में ही इस बात की जानकारी दी कि पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी का एक विधायक चुना गया था और 5 विधानसभा सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस के नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी का प्रस्ताव वे अपने केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे.
अखिलेश यादव एमपी चुनाव को लेकर लखनऊ में एक मीटिंग भी कर चुके हैं. इसी बैठक में उन्होंने कहा था कि हमें इस तरह से तैयारी करनी चाहिए कि समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिले. इसी बैठक के बाद 25 अगस्त को अखिलेश यादव ने एमपी चुनाव के लिए चार टिकटों की घोषणा कर दी. उसके कुछ ही दिनों बाद 2 और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया. समाजवादी पार्टी ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर इस फैसले की जानकारी दी थी. इस तरह से पार्टी एमपी चुनाव के लिए अब तक 6 उम्मीदवार तय कर चुकी है. समाजवादी पार्टी ने निवाड़ी, राजनगर, मंडेरा, मंहगांव, धौहानी और चितरंगी सीटों पर टिकट देने के बाद पार्टी चुनाव प्रचार में जुट गई है. अखिलेश यादव के भाई और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव वहां कुछ रैलियां भी कर चुके हैं.
एमपी में सपा ने 2003 में किया था सबसे अच्छा प्रदर्शन
समाजवादी पार्टी एमपी में हर विधानसभा चुनाव लड़ती रही है. पार्टी का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2003 में रहा था. तब समाजवादी पार्टी के 7 विधायक चुने गए थे. 2008 और 2018 के चुनाव में समाजवादी पार्टी का एक विधायक चुना गया. पिछली बार जब कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे तब समाजवादी पार्टी के इकलौते विधायक ने उन्हें बिना शर्त समर्थन दिया था. अब अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में एमपी चुनाव में गठबंधन हो जाता है तो फिर लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के रिश्ते के लिए एक शुभ संकेत होगा.