यूपी में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट शुरु हो गई है. खबर है कि नवरात्र के शुभ दिनों में यूपी में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. हालांकि यह यूपी में यह विस्तार केंद्र में होने वाले विस्तार के बाद होना था, लेकिन बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि अगर केंद्र में विस्तार नही भी होता है, तो भी यूपी में नवरात्र में कैबिनेट एक्पेंशन संभव है. इसके पीछे कई वजहें भी बताई जा रही हैं. सूत्रों पर यकीन करें तो जिस तरह मध्यप्रदेश में बीजेपी ने रणनीति के तहत सांसदों को विधानसभा में उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. ठीक वैसे ही यूपी में लोकसभा चुनाव में भी कुछ मंत्रियों को सांसदी का टिकट दिया जाना तय माना जा रहा है.
खबर है कि यूपी के कम से कम 5 मंत्री ऐसे हैं, जिन्हें पार्टी लोकसभा का टिकट दे सकती है. इसके साथ ही सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह को भी कैबिनेट में शामिल करने का दबाव है. हालांकि दारा सिंह उप-चुनाव हार चुके है, लेकिन दारा और राजभर को कैबिनेट में शामिल करने के पीछे लोकसभा में पूर्वांचल के जातीय समीकरण को सेट करने का दबाव भी है.
इतना ही नही कुछ मंत्री ऐसे भी हैं, जिनके काम-काज से सीएम योगी बहुत संतुष्ट नही हैं, लिहाजा इन्हें बदलने की सोच भी कैबिनेट विस्तार के लिए एक वजह बन सकती है. इतना ही नही यूपी सरकार के मंत्रिपरिषद में 60 सीटें मंत्रियों के लिए तय है. अभी योगी कैबिनेट में 52 मंत्री है. लिहाजा 8 जगह खाली है.
राजभर, दारा सहित 2-3 बन सकते हैं मंत्री
माना जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह के अलावा रामपुर से विधायक आकाश सक्सेना के अलावा अन्य दो-तीन और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्रों का दावा है कि सरकार 2 सीटें रिक्त रखेगी.
कैबिनेट विस्तार को लेकर कोई भी नेता खुलकर बोलने को तैयार नही है, लेकिन दबी जुबान बहुत सरकार और संगठन में इसकी चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि दारा सिंह भले ही चुनाव हार गए हो, लेकिन दिल्ली यह चाहता है कि उन्हें कैबिनेट में शामिल कराया जाए. साथ ही राजभर को लेकर भी दिल्ली से दबाव डाला जा रहा है.
इसका कारण भी है. पूर्वांचल के एक दर्जन जिलों में राजभर, नोनिया और चौहान वोटरों की अपनी ताक है. राजभर और दारा सिंह के जरिए इन्हें साधने की कोशिश हो सकती है. जिस तरह यूपी में INDIA गठबंधन आकार ले रहा है, माना जा रहा है कि बीजेपी हर सीट पर जातीय समीकरण को बिल्कुल अपने पक्ष में सेट कर रखना चाहती है. बीजेपी के एक बड़े नेता का दावा है कि जल्द ही इन दोनों नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.
आकाश सक्सेना के नाम की भी चर्चा
इसके अलावा रामपुर से विधायक बने आकाश सक्सेना के नाम की भी खूब चर्चा है. कहा जा रहा है कि आजम को उनके अंजाम तक पहुंचाने में आकाश की बड़ी भूमिका रही है. रामपुर में रहकर आकाश ने जिस तरह आजम से मोर्चा लिया और वहां से विधायक बने.
उससे कार्यकर्ताओं को संदेश देने के साथ ही पश्चिमी यूपी को भी एक मैसेज देने के लिए आकाश को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. चर्चा तो यह भी है कि पिछली सरकार में मंत्री रहें कुछ विधायकों को लोकसभा को देखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणोंको साधने के लिए इस विस्तार में मौका मिल सकता है.