यूपी के वाराणसी में अपनी ही स्टूडेंट हत्या कर उसके शव को ट्रेन की बोगी में डाल देने वाले कोचिंग संचालक संजय पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कपसेठी थाने की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार किया. आरोपी को थाने लाकर पूछताछ की गई. फिर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया. आरोपी ने बताया कि उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, कई बार शारीरिक संबंध बनाए जिसके चलते किशोरी गर्भवती हो गई थी.
जब कोचिंग संचालक ने किशोरी से कहा कि वो गर्भपात करवा ले तो उसने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया. कोचिंग संचालक ने फिर बदनामी के डर से पहले उसे मिलने के लिए बुलाया. उसे धोखे से नींद की गोली खिला दी. जैसे ही किशोरी पर दवा का असर होने लगा तो कोचिंग संचालक ने पहले उसके मुंह में पॉलिथीन भर दिया. ताकि वो चीख न सके. फिर उसका मुंह-नाक दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को ठिकाने लगा दिया. लेकिन वो कहते हैं का कि मुजरिम चाहे जितना मर्जी शातिर हो, पुलिस के हाथों से वो बच नहीं सकता.
एडीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने बताया कि किशोरी 19 फरवरी को अपने घर से सहेली के घर जाने की बात कहकर निकली थी. इसके बाद लौटकर नहीं आई. 20 फरवरी की रात को किशोरी का हाथ-पैर बंधा शव बनारस रेलवे स्टेशन पर लखनऊ-बनारस इंटरसिटी ट्रेन की जनरल बोगी में टॉयलेट के पास जूट की बोरी में मिला. 21 फरवरी को किशोरी के शव की पहचान हुई और उसके बाद पोस्टमार्टम कराया गया. रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि किशोरी गर्भवती थी और दम घुटने से उसकी मौत हुई थी. घटना के कुछ दिन बाद कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गई. पुलिस की रडार में आया क्षेत्र का ही एक कोचिंग संचालक भूमिगत हो गया था.
पुलिस जांच में पता चला कि किशोरी उसके यहां पढ़ने जाती थी. इसी वजह से उस पर पुलिस का शक गहराया और कड़ी मशक्कत के बाद वह पकड़ा गया. पुलिस ने बताया कि दस साल पहले कोचिंग संचालक संजय पटेल क्षेत्र के एक स्कूल में शिक्षक था, जहां छात्रा से अश्लीलता के बाद उसे हटाया गया था. इसके बाद उसने कोचिंग सेंटर खोल लिया. छात्रा से कोचिंग संचालक का छह महीने से संबंध था, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई थी.
ऐसे हुआ किशोरी से प्यार
पुलिस की पूछताछ में 43 वर्षीय आरोपी कोचिंग संचालक संजय पटेल ने बताया कि उसके कोचिंग सेंटर में वर्ष 2022 में यह किशोरी पढ़ने आई थी. तब वह कक्षा 9 की छात्रा थी. वर्ष 2023 में कक्षा 10 में भी किशोरी उसकी कोचिंग में पढ़ने लगी तो उसका लगाव उसके प्रति बढ़ने लगा. नवंबर में किशोरी ने उसे बताया कि वह गर्भवती हो गई है. इस पर उसने किशोरी को गर्भपात कराने को कहा तो वह बदनामी के डर से अस्पताल जाने से मना करने लगी. इस पर उसने किशोरी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई.
नींद की दवा खिलाकर की हत्या
19 फरवरी की दोपहर को उसने किशोरी को विश्वास में लेकर अपने कोचिंग बुलाया था. बातचीत के दौरान ही उसे नींद की दवा खिला दी. किशोरी की हत्या करने के बाद उसके हाथ पैर दुपट्टे से बांधे. फिर शव को बोरी में भरकर 19 फरवरी को कोचिंग में ही पड़ा रहने दिया. 20 फरवरी की सुबह वह अपनी बाइक पर पीछे बोरी बांध कर सेवापुरी स्टेशन गया. वहां बनारस से लखनऊ जा रही ट्रेन में किशोरी का शव रख दिया. उसे पूरा भरोसा था कि किशोरी का शव लखनऊ में उतारा जाएगा और उसकी पहचान नहीं हो पाएगी तो वह पकड़ा नहीं जाएगा.
कॉल डिटेल की डिलीट
पुलिस की मानें तो किशोरी की हत्या और शव ठिकाने लगाने के बाद भी आरोपी अपने घर पर ही था. पुलिस ने किशोरी की मां के मोबाइल का कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाला तो पता लगा कि 19 फरवरी को संजय फोन किया था. संजय को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने अपने मोबाइल का 19 फरवरी का कॉल लॉग डिलीट कर दिया था. इससे उस पर पुलिस का शक गहराया. पुलिस की पूछताछ से संजय छूटा तो घर छोड़ कर भाग गया. पुलिस ने सर्विलांस की मदद से बृहस्पतिवार को गहरपुर के समीप से संजय को गिरफ्तार कर लिया.