सेना के अधिकारी का बड़ा दावा ‘LoC पर करीब 150 आतंकवादी घुसपैठ कर जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने को तैयार’

Army Officer’s Big Claim: नियंत्रण रेखा के उस पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में बने अलग-अलग लांचिंग पैड पर करीब 150 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं जबकि 500 से 700 के करीब अन्य आतंकवादी 11 प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण ले रहे हैं. यह दावा सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को किया. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की एलओसी पार घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम किया है.

सेना के अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया, ‘‘एलओसी के उस पास मनसेरा, कोटली और मुजफ्फराबाद स्थित 11 प्रशिक्षिण शिविरों में 500 से 700 लोग आतंकवाद का प्रशिक्षण ले रहे हैं.’’ उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के मुताबिक पीओके में बने लांचिंग पैड पर करीब 150 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं. अधिकारी ने कहा कि इस साल अबतक एलओसी पार कर घुसपैठ की कोई कोशिश सफल नहीं हुई है.

सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में विदेशी आतंकवादियों के मारे जाने का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मई तक सब कुछ ठीक रहा है. एक विशेष समूह था जिसके बारे में आप जानते हैं और उसे बांदीपोरा और सोपोर में मार गिराया गया.’’ सैन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अब घुसपैठ के लिए पूर्व में पहचान किए गए रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

घुसपैठ की संभावना

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमने शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली बना ली है. हां, यहां घुसपैठ की संभावना बनी हुई है, लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह से हमने मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई है, निगरानी उपकरणों सहित जिस तरह से तैनाती की गई है, उससे घुसपैठ में सफल होने की दर नीचे चली गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका नतीजा है, कि जब एक ओर दबाव बढ़ता है तो वे वैकल्पिक रास्तों की तलाश करते हैं. वे (आतंकवादी) अब दक्षिण पीर पंजाल के राजौरी-पुंछ के रास्ते से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। अन्य मार्गों के मुकाबले यहां (कश्मीर घाटी में) घुसपैठ कम हुआ है.’’

अधिकारी ने कहा कि अब घुसपैठ का केंद्र मोटे तौर पर दक्षिण पीर पंजाल स्थानांतरित हो गया है. तथ्य यह है कि ऐसी जानकारी है कि कुछ लोग नेपाल के रास्ते भी आने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की संख्या ‘‘गत सालों के मुकाबले न्यूनतम स्तर पर है, लेकिन यह संख्या बदलती रहती है.” अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने पिछले 40-42 दिनों में 50 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया. वे समाज के लिए अभिशाप हैं. वे चुनौती और सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए है. इसलिए हम कदम उठा रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह 100 या 150 की संख्या तब तक बनी रहेगी जब तक लोग इसकी निरर्थकता को नहीं समझेंगे, जब तक लोग नहीं समझेंगे की गलत क्या है और सही क्या है. जबतक उनका समर्थन होगा, वे बने रहेंगे. लेकिन एक बार वे (लोग) उनसे (आतंकवादियों) मुंह मोड़ लें तो उनके पास कोई रास्ता नहीं होगा और स्वत: उनके खात्मे या संख्या कम होने का लक्ष्य प्राप्त होगा. ’’

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